Friday 30 June 2017

भारत व कनाडा परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष क्षेत्रों में साझेदार

   राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कनाडा सरकार और लोगों को कनाडा की 150 वीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं और बधाइयां दी है। 

     कनाडा के गवर्नर जनरल डेविड जॉन्सटन को भेजे संदेश में महामहिम राष्ट्रपति ने कहा, आपकी सरकार और लोगों को कनाडा के गठन की 150 वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारत सरकार, यहां की जनता और मेरी तरफ से आपको हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां। 
      भारत और कनाडा के बीच रणनीतिक साझेदारी का आधार लोकतंत्र, अनेकता, कानून का शासन और लोगों के मजबूत संपर्क हैं। हाल ही के वर्षों में, इस साझेदारी में एम समान हितों जैसे परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। 
      भारत, कनाडा सरकार और लोगों के साथ काम और सहयोग करने के लिए पारस्परिक लाभ और बेहतर दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आपके अच्छे स्वास्थ्य और प्रगति के लिए तथा कनाडा के प्‍यारे लोगों की निरंतर उन्‍नति और समृद्धि के लिए कृपया मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें।

Thursday 29 June 2017

ऊर्जा के लिए सऊदी अरब व ईईएसएल में समझौता

       ऊर्जा मंत्रालय के प्रशासन के तहत ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) ने सऊदी अरब साम्राज्य की राष्ट्रीय ऊर्जा सेवा कंपनी, के साथ ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों को लागू करने और खाड़ी देशों में मांग बढ़ाने के उपायों को लागू करने के लिए एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। 

    इस समझौता ज्ञापन पर राष्ट्रीय ऊर्जा सेवा कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वायलद अल्गारेरी और ईईएसएल के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार द्वारा हस्ताक्षर किए गए। एमओयू के अनुसार, ईईएसएल सऊदी अरब द्वारा स्थापित राष्ट्रीय ऊर्जा सेवा कंपनी को परामर्श देगी और उसकी क्षमता का विस्तार किया जाएगा। 
       यह कदम सउदी अरब साम्राज्य द्वारा बिजली सब्सिडी में कमी और ऊर्जा सक्षम कार्यक्रम शुरू करने के परिदृश्य में उठाया गया है। बढ़ती आबादी और ऊर्जा की कीमतों के बढ़ने के बीच सउदी अरब में बिजली की मांग तेज गति से बढ़ रही है। 
          विश्व बैंक के अनुसार सउदी अरब में पैदा बिजली का आधार तेल, गैस तथा कोयला जैसे अनवीकरणीय स्रोतों हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय सेवा कंपनी ने ईईएसएल के साथ समझौता किया है ताकि ईईएसएल के स्ट्रीट लाइट कार्यक्रम की सफलता को दोहराया जा सके।
          ईईएसएल सउदी अरब में ऊर्जा सक्षम परियोजनाओं के लिए तकनीकी और वित्तीय परामर्श तथा निगरानी के लिए अपने अधिकारियों को सउदी अरब भेजने पर सहमत हैं।
          ईईएसएल सभी क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता को प्रोत्साहन देने तथा विश्व के सबसे बड़े ऊर्जा सक्षम फोर्टफोलियो लागू करने का काम कर रहा है। ईईएसएल देश में 23 करोड़ एलईडी बल्ब तथा 20 करोड़ स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने में सफल हुआ है।  

Wednesday 28 June 2017

भारत व सेशल्स के रिश्तों में और मजबूती आएगी

      राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सेशल्स गणराज्य के 42 वें राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर वहां के लोगों और सरकार को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। 

       सेशल्स गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम डैनी एंटोनी रोलन फॉउरे को भेजे संदेश में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है, सेशल्स गणराज्य के 42 वें राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर मुझे आपको, सेशल्स के लोगों को और उनकी सरकार को भारत सरकार और यहां के लोगों की ओर से बधाई और शुभकामनाएं देते हुए बहुत खुशी हो रही है।
       हमारे और सेशल्स के बीच बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग में काफी बढ़ोतरी हुई है। यह सहयोग हमारी दोस्ती की मजबूत बुनियाद पर टिका हुआ है। 
        मुझे उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह और मजबूत होगा। हाल के वर्षों में हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को लेकर भी दोनों देशों के साझा नजरिए में मजबूती आई है। हमने अपनी सामरिक साझेदारी के तहत कई कदमों की शुरूआत की है। 
     मुझे पूरा विश्वास है कि आऩे वाले दिनों में भारत और सेशल्स के रिश्तों में और मजबूती आएगी। महामहिम इस अवसर पर मेरी शुभकामनाएं और आपके स्वास्थ्य के प्रति शुभेच्छा स्वीकार करें। मैं इस अवसर पर सेशल्स के मित्रवत जनता की तरक्की और समृद्धि की कामना करता हूं।

Monday 26 June 2017

भारतीय बुनाई एवं अन्य टेक्सटाइल ऑस्ट्रेलिया को भायी,सहयोग-संवाद

          प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार और विदेश कार्य एवं व्यापार विभाग, ऑस्ट्रेलिया के बीच कपड़ा, वस्त्र और फैशन के क्षेत्र में सहयोग के लिए एमओयू को मंजूरी दी। 

       यह एमओयू भागीदारों के आपसी हितों और लाभों के क्षेत्रों में कपड़ा एवं फैशन के मामलों में संबंध में समन्वय बढ़ाएगा। दोनों प्रतिभागी ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय कपड़ा और फैशन क्षेत्रों के बीच संपर्क बनाने के लिए संयुक्त रूप से उचित उपायों की पहचान, उन पहचाने गए क्षेत्रों में सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय संवाद को प्रोत्साहित, उन क्षेत्रों के बीच कौशलों एवं प्रतिभाओं का पोषण, आर्थिक अवसरों एवं व्यावसायिक संवाद को प्रोत्साहन, प्रशिक्षण, कौशल विकास और दोनों देशों में उन क्षेत्रों से उत्पन्न उत्पादों की सार्वजनिक प्रदर्शनी का आयोजन संयुक्त रूप से करेंगें। 
        इस एमओयू के अंतर्गत उठाए गए कदमों से सहायक कामगारों सहित बुनकरों को लाभ प्राप्त होगा। हैंडलूम क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए इस पहल का उद्देश्य बाजार संपर्क स्थापित करके हैंडलूम फैब्रिक उत्पादन में सुधार करना, डिजाइन क्षमता में सुधार के लिए डिजाइनों एवं तकनीकों में नवाचार को प्रोत्साहित करना, उत्पादों का विविध उपयोग एवं मूल्य संवर्धन, घरेलू एवं निर्यात बाजारों तक बेहतर पहुंच जिससे कि बुनकरों को निरन्तर रोजगार प्राप्त हो सके और उनके जीवन जीने के स्तर में सुधार हो सके। 
        वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार हैंडलूम क्षेत्र में विभिन्न नवाचारों को लागू करके इस क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उत्तरदायी है। युवा पीढ़ी के बीच हैंडलूम उत्पादों को लोकप्रिय बनाना मंत्रालय का प्रयास रहा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों के लिए भारतीय बुनाई एवं अन्य टेक्सटाइलों का उपयोग करते हुए कपड़ों का उत्पादन करने वाले ऑस्ट्रेलियाई फैशन डिजाइनरों नें भारत में विभिन्न हितधारकों के साथ काम करने की रूचि प्रदर्शित की है जिसमें टेक्सटाइल और हैंडलूम के अत्याधुनिक डिजाइनिंग और उन्हें भारतीय बाजारों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बेचना भी शामिल है।
         विदेश कार्य एवं व्यापार विभाग (ऑस्ट्रेलिया सरकार) ने इस संबंध में भारत सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव रखा था।

 

Friday 23 June 2017

जल संसाधन प्रबंधन के लिए नीदरलैंड व भारत के बीच समझौता को मंजूरी

        प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जल संसाधन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरोद्धार मंत्रालय और नीदरलैंड्स के अवसंरचना और पर्यावरण मंत्रालय के बीच समझौता (एमओयू) को मंजूरी दी है। 

       इस समझौते में यह परिकल्पना की गई है कि दोनों देश की सरकारें जल संसाधनों के कुशल उपयोग, नदी बेसिन प्रबंधन, निर्णय समर्थन प्रणालियों, डेल्टा प्रबंधन, जल गुणवत्ता संबंधी मुद्दे और नवाचारी रियायत प्रबंधनों के माध्यम से अपशिष्ट जल रिसाइक्लिंग और पुन: प्रयोग सहित आपसी रूप से सहमत क्षेत्रों में सहभागिता तथा अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करके जल संसाधन प्रबंधन एवं विकास के क्षेत्र में राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में कार्य करेंगी। 
            समझौता के अंतर्गत सहयोग में अध्ययन दौरों, संगोष्ठियों, सम्मेलनों एवं दोनों देशों के विशेषज्ञों की बैठकों, क्षमता निर्माण कार्यक्रम-प्रशिक्षण के संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर, अकादमिक एवं संबंधित अनुसंधान और प्रशिक्षण के उद्देश्य के लिए प्रशिक्षण समूह एवं अन्य गतिविधियों के लिए आदान-प्रदान, सहयोगात्मक परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों में आपसी भागीदारी को प्रोत्साहित और या शुरू करना, सार्वजनिक निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के माध्यम से ज्ञान और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना शामिल होगा। 
             समझौता को पूरा करने के लिए की जाने वाली कार्यकलापों की निगरानी करने के लिए एक संयुक्त कार्य दल का भी गठन किया जाएगा। द्विपक्षीय सहयोग देश को नदी बेसिन प्रबंधन, गंगा सहित नदियों के प्रदूषण में उपशमन, बाढ़ प्रबंधन, जल गुणवत्ता और जल के कुशल उपयोग के क्षेत्र में जल संसाधनों के क्षेत्र में कार्य करने वाली केंद्र एवं राज्य सरकारों की एजेंसियों की संस्थानिक और तकनीकी क्षमता बढ़ाने में लाभ प्रदान करेगा। 
             जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय नीति और तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करके, प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के संचालन, कार्यशालाओं, वैज्ञानिक एवं तकनीकी परिसंवादों, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, अध्ययन दौरा आदि के माध्यम से जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर विचार कर रहा है।
           नदी बेसिन प्रबंधन नियोजन-एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन प्रदूषण उपशमन, निर्णय समर्थन प्रणालियां, डेल्टा प्रबंधन, जल गुणवत्ता, अपशिष्ट जल रीसाइक्लिंग और पुनः प्रयोग आदि में नीदरलैंड की सफलता को ध्यान में रखते हुए नीदरलैंड के साथ करार करने का यह निर्णय लिया गया है जिससे कि उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ उठाया जा सके।

भारत और श्रीलंका के बीच होम्योपैथी में सहयोग के लिए समझौते को मंजूरी

           प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और श्रीलंका की लोकतांत्रिक, समाजवादी एवं गणतांत्रिक सरकार के स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वदेशी चिकित्सा मंत्रालय के बीच चिकित्सा एवं होम्योपैथी की परंपरागत प्रणालियों में सहयोग के लिए समझौतो ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी सहमति प्रदान की है। 

        इस प्रस्तावित एमओयू पर हस्ताक्षर होने से परंपरागत चिकित्सा और होम्योपैथी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ेगा। यह दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
         इसमें अतिरिक्त वित्तीय बाधाएं शामिल नहीं हैं। अनुसंधान, प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों, सम्मेलनों-बैठकों के संचालन के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों को आयुष मंत्रालय के विद्यमान आबंटित बजट एवं विद्यमान योजनाओं से पूरा किया जाएगा। 
            दोनों देशों द्वारा सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर होने के तुरंत पश्चात्, दोनों देशों की तरफ से कार्यक्रम शुरु कर दिए जाएंगे। दोनों देशों के बीच शुरू की गई पहलें हस्ताक्षर किए गए एमओयू की शर्तों के अनुसार होगी और यह एमओयू के संचालनात्मक रहने तक निरंतर प्रक्रिया रहेगी। भारत चिकित्सकीय पौधों सहित परंपरागत चिकित्सा की सुविकसित प्रणाली से संपन्न देश है, जो वैश्विक स्वास्थ्य परिदृश्य में अभूतपूर्व संभावना रखता है।
          परंपरागत चिकित्सा प्रणाली के क्षेत्र में श्रीलंका का भी सुदीर्घ इतिहास है। आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी, योग एवं नेचुरोपैथी एवं होम्योपैथी श्रीलंका में स्वास्थ्य देखभाल की विद्यमान महत्वपूर्ण परंपरागत प्रणालियां हैं। आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों के क्षेत्र में दोनों देश साझा संस्कृति रखते हैं। इसके अलावा, दोनों देशों में विशेष रूप से उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में पाए जाने वाले अनेक चिकित्सकीय पौधे हैं जो दोनों देशों की एक समान भौगोलिक-जलवायु कारकों के कारण एक समान हैं। 
            भारत और श्रीलंका में अनेक साझा सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, भाषाई और साहित्यिक समानताएं विद्यमान हैं। दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक और सभ्यता की विरासत और दोनों देशों के नागरिकों के बीच विस्तृत जनसंवाद दोनों देशों के बीच बहुत सक्रिय भागीदारी और सौहार्द्रपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का निर्माण करने के लिए सुदृढ़ आधार प्रदान करती हैं। 
            आयुष मंत्रालय ने चिकित्सा की भारतीय प्रणालियों को वैश्विक रूप से प्रचारित करने के अपने अधिदेश के एक भाग के रूप में 11 देशों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करके प्रभावी कदम उठाए हैं।
           इसमें परंपरागत चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग के लिए चीन गणराज्य का परंपरागत चीनी चिकित्सा राज्य प्रशासन (एसएटीसीएम), मलेशिया सरकार, त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय,  हंगरी सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय, बांग्लादेश गणराज्य का परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय, नेपाल सरकार का स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय, मॉरिशस सरकार का स्वास्थ्य एवं गुणवत्ता पूर्ण जीवन मंत्रालय, मंगोलिया सरकार का स्वास्थ्य एवं खेलकूद मंत्रालय, तुर्कमेनिस्तान सरकार का स्वास्थ्य एवं चिकित्सा उद्योग मंत्रालय, मयांमार सरकार का स्वास्थ्य एवं खेलकूद मंत्रालय, जर्मनी संघीय गणराज्य के संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ संयुक्त घोषणा शामिल हैं।

Wednesday 21 June 2017

अमरीका के सम्‍मेलन में भारतीय पवेलियन, जैव अर्थव्‍यवस्‍था 42 अरब डॉलर

           विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्‍वी विज्ञान राज्‍य मंत्री वाई.एस. चौधरी ने सान डिएगो में जैव प्रौद्योगिकी नवाचार संगठन (बीआईओ) के अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन में भारतीय पवेलियन का उद्घाटन किया। 

         भारतीय पवेलियन की विषय वस्‍तु में ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर दिया गया है। चौधरी ने पवेलियन का उद्धाटन करने हुए कहा कि बीआईओ के दौरान हुए सकारात्‍मक विचार विमर्श से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय स्‍टार्ट अप कंपनियों के लिए अनेक नये अवसर खुलेंगे और भारतीय जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अंतर्राष्‍ट्रीय साझेदारों का विश्‍वास बढ़ेगा। भारतीय पवेलियन में 30 से अधिक स्‍टार्ट अप कंपनियां, राज्‍य सरकारें, बायो टैक पार्क और अनुसंधान संस्‍थानों को प्रदर्शित किया गया है। 
        बीआईओ ने 60 से अधिक देशों के 15000 प्रतिनिधियों को आकर्षित किया है और एक ही स्‍थान पर वैश्विक अवसर प्रदान किये हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री ने 60 पृष्‍ठों की एक ‘इंडिया बायोटैक हैंडबुक 2017’ जारी की, इसमें भारत की 42 अरब डॉलर की तेजी से बढ़ती जैव अर्थव्‍यवस्‍था की ताकत को दर्शाया गया है।

Tuesday 20 June 2017

भारत व पुर्तगाल के बीच अभिलेखागार सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता

     भारत व पुर्तगाल ने अभिलेखागार सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते पर पुर्तगाल की राजधानी लिसबन में भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार और पुर्तगाल गणराज्य के संस्कृति मंत्रालय के बीच 17 मई, 2017 को हस्ताक्षर किए गए।

      समझौते के अंतर्गत पहले कदम के रूप में टौरे दो तोम्बो (नेशनल आर्काइव्स ऑफ पुर्तगाल) ने ‘मोनकॉस दो रीनो’(मॉनसून कॉरस्पान्डन्स) नाम से संग्रह के 62 संस्करणों की डिजिटल प्रतियां राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंपी। ये संस्करण मूल रूप से 1568 से 1914 तक की अवधि तक के 456 संस्करणों का हिस्सा रहे हैं। यह गोवा स्टेट आर्काइव्स के सभी रिकॉर्ड संग्रहों में सबसे बड़ा है। संग्रह में लिसबन से गोवा की सीधा लिखा-पढ़ी को शामिल किया गया है और यह एशिया में पुर्तगाली विस्तार, अरबों के साथ उनके व्यापारिक विरोधियों और यूरोपीय शक्तियों तथा दक्षिण एशिया और पूर्व एशिया में पड़ोसी राजाओं के साथ उनके संबंधों के अध्ययन का महत्वपूर्ण स्रोत है। 
       1605 से 1651 की अवधि के बीच की घटनाओं से जुड़े 12,000 दस्तावेजों वाले इन 62 संस्करणों को 1777 में, गोवा से लिसबन भेज दिया गया था जहां इन्हें ‘डॉक्यूमेंटोस रेमेटीदोस दा इंडिया’(भारत से भेजे गए दस्तावेज) शीर्षक से 1880 और 1893 के बीच लिसबन में एकेडमी ऑफ साइंस द्वारा प्रकाशित किया गया। 
          मौलिक संस्करण हमेशा लिसबन में रहे हैं। 240 वर्ष बाद गोवा स्टेट आर्काइव्स के संग्रह की श्रृंखलाओं में इस खाई को तब पाटा गया जब 17 मई, 2017 को एक समारोह में पुर्तगाल में भारत की राजदूत के.नंदिनी. सिंगला, सांस्कृतिक समझौता और सहयोग कार्यक्रम इकाई की चीफ ऑफ डिविजन सुश्री टेरेसा आर्टिलहीरो फेरेरा, पुर्तगाल के पुस्तकालय, अभिलेखागार और पुस्तक महानिदेशक, डॉ. एल्मीडा लेसर्दा ने ‘मोनकॉस दो रीनो’ के लापता संस्करणों की डिजिटल इमेज का एक सेट भारत के अभिलेखागार महानिदेशक राघवेंद्र सिंह को सौंपा जिनके नेतृत्व में दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 15-17 मई, 2017 तक पुर्तगाल की यात्रा पर था।
          इस अवसर पर सिंह ने पुर्तगाल और भारत में अभिलेखागार बिरादरी के साथ निकट सहयोग कायम करने के लिए कार्य करने की इच्छा व्यक्त की ताकि दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंधों को बेहतर बनाया जा सके। पुर्तगाल में भारत की राजदूत ने कहा कि पुर्तगाली प्रधानमंत्री की इस वर्ष भारत की सफल यात्रा के बाद दोनों देश टेक्नोलॉजी से शिक्षा और नागर विमानन से फुटबाल तक विभिन्न क्षेत्रों में मिल सहयोग स्थापित कर सकेंगे। संस्कृति हमारे लोगों के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है और इस क्षेत्र में सहयोग सभी को अच्छा लगेगा। 



 

Friday 16 June 2017

प्रधानमंत्री ने आयरलैंड के ताओसीच के रूप में कार्यभार संभालने पर लियो वराडकर को बधाई दी


         प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने महामहिम लियो वराडकर को आयरलैंड के ताओसीच के रूप में कार्यभार संभालने पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आयरलैंड के ताओसीच के रूप में अपना कार्यभार संभालने के लिए महामहिम लियो वराडकर को बधाई। 
          मैं भारत-आयरलैंड संबंधों को आगे और मजबूत करने के लिए ताओसीच वराडकर के साथ काम करने की आशा करता हूं।'

कोरिया एशिया व अन्य देशों के लिए लाभदायक

          केंद्रीय वित्त, कार्पोरेट व रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम मून जई इन से मुलाकात की। 

   वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राष्ट्रपति मून को हाल ही में हुए चुनाव मे विजय प्राप्त करने पर बधाई दी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं व्यक्त की। जेटली ने मून के क्षेत्र के प्रति उनके दृष्टिकोण और भारत के साथ संबंधों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत दौरे के निमंत्रण का पुनः स्मरण कराते हुए आशा व्यक्त कि दोनो नेताओँ के बीच शीघ्र ही भेंट होगी। कोरिया मे जेटली का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मून ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चुनाव में विजय प्राप्त करने के लिए उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।
              मून ने विशेष तौर पर ट्विटर में कोरियाई भाषा मे संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का स्मरण किया। 11 मई को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बधाई संदेश देने के लिए किये फोन का स्मरण करते हुए मून ने कहा कि दोनो पक्षों में द्विपक्षीय भागीदारी के निर्माण के लिए प्रबल इच्छा शक्ति है।
             उन्होने कहा कि हाल ही मे चुने गए कोरिया के राष्ट्रपति द्वारा भारत के लिए विशेष दूत की नियुक्ति करने का निर्णय कोरिया के भारत के साथ संबंधो के प्रति  सशक्त प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस निर्णय की सराहना के संदेश के बारे में बताए हुए कहा कि इस प्रकार की शुरूआत भारत के पूर्व की ओर देखो नीति के अनुरूप है। 
            उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतरार्राष्ट्रीय संबंधो में उद्यत कोरिया एशिया और अन्य देशों के लिए लाभदायक है। वित्तमंत्री ने राष्ट्रपति मून को हितकारी बैठकों के संबंध में जानकारी दी। जेटली ने दोनो देशों के बीच रक्षा उद्योग,आधारभूत ढांचे में निवेश और उत्पादन में भागीदारी के लिए दोनों देशों विशाल अवसरो के बारे में बताया। 
          राष्ट्रपति मून ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री जेटली के नेतृत्व में ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों की सराहना कि और कहा की उन्हें विश्वास है कि भारत शीघ्र ही विशाल आर्थिक शक्ति बनने के पथ पर अग्रसर है।

        उन्होंने कोरिया में भारत के उच्च कुशल योग्य पेशेवर की सराहना की। इससे पहले वित्त मंत्री अरूष जेटली ने प्रमुख कोरियाई कंपनियों के अध्यक्षों,प्रबंध निदेशको और मुख्य कार्यकारी अधिकारियो से मुलाकात की।  



Thursday 15 June 2017

भारत व आर्मेनिया के बीच युवा मामले पर सहयोग पर आधारित समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी

         प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत व आर्मेनिया के बीच युवा मामले पर आधारित सहयोग के लिए पहले से हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के बारे में अवगत कराया गया।

   इस समझौता ज्ञापन पर अप्रैल 2017 में हस्ताक्षर किए गए थे। यह समझौता 5 वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा। इसके बाद 5 वर्ष की अगली अवधि के लिए यह सतह नवीनीकृत हो जाएगा, बशर्ते, कोई एक पक्ष  इस समझौते के समाप्त होने के कम से कम 6 माह पहले अन्य पक्ष को इस समझौते के नवीनीकरण नहीं किए जाने की अपनी भावना से अवगत कराए । किसी एक पक्ष द्वारा लिखित रूप से अन्य पक्ष को 6 माह की पूर्व-सूचना देने के बाद इसे निरस्त किया जा सकेगा। 
            इस समझौते का उद्देश्य दोनों पक्षों द्वारा आयोजनों और गतिविधियों में भागीदारी के माध्यम से युवा मामले पर दोनों देशों के बीच सहयोग को सशक्त बनाना और बढ़ावा देने के साथ ही सूचना और जानकारी साझा करना तथा दोनों देशों के बीच युवाओं के परस्पर आवागमन को भी बढ़ावा देना है। 
           युवा मामले पर आधारित सहयोग से जुड़े क्षेत्रों में युवाओं, युवा संगठनों के प्रतिनिधियों और युवा संबंधी नीति निर्माताओं के प्रभारी सरकारी अधिकारियों का एक दूसरे देश में आवागमन शामिल है।
          दोनों देशों में युवा मामले पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और विचार गोष्ठियों मैं आमंत्रण के आदान-प्रदान, मुद्रित सामग्रियों, फिल्म और अनुभवों के आदान प्रदान पर भी यह लागू होगा।

       यह सहयोग दोनों देशों में युवा मामले पर आधारित अनुसंधान और अन्य जानकारी वाले क्षेत्रों, युवा शिविरों में भागीदारी, युवा उत्सवों और युवाओं के अन्य आयोजनों के लिए भी होगा।

Wednesday 14 June 2017

साइबर सुरक्षा के लिए भारत और बांग्लादेश के बीच समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी

             प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत और बांग्लादेश के बीच सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में पहले से हस्ताक्षरित एक समझौता ज्ञापन के बारे में जानकारी दी गई।

         भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और बांग्लादेश के सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी प्रभाग के बीच अप्रैल 2017 में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह 5 वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगा। इसके बाद दोनों पक्षों की आपसी लिखित सहमति द्वारा इसके प्रभावी रहने के दौरान किसी समय इस समझौते का विस्तार हो सकेगा।

            किसी एक पक्ष द्वारा अन्य पक्ष को छह माह की  लिखित पूर्व-सूचना के बाद इसे निरस्त किया जा सकेगा। सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र से जुड़ा यह समझौता स्वाभाविक तौर पर एक तकनीकी समझौता है और यह मुख्य रूप से ई-गवर्नेंस, एम-गवर्नेंस, ई-पब्लिक सर्विस डिलीवरी, साइबर सुरक्षा आदि पर जोर देता है।

          इस समझौते का लक्ष्य भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा बांग्लादेश में कारोबार के अवसरों और सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार की संभावनाएं तलाशना तथा भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना है, जिससे अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

भारत को एक बाजार की बजाय वैश्विक खाद्य फैक्ट्री बनाने के लक्ष्य

        खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने एएनयूजीए के आयोजकों के साथ संयुक्‍त सम्‍मेलन को संबोधित किया। एएनयूजीए खाद्य उद्योग के लिए एक अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मंच है जो कि जर्मनी के कोलंगे में आयोजित होगा। 

       उन्‍होंने कोएल्‍नमेसे जीएमबीएच, (एएनयूजीए के आयो‍जक), प्रमुख परिचालन अधिकारी श्रीमती कैथरिना सी हमा के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर किये। खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री ने कहा कि यह भारत के लिए सम्मान की विषय है कि वह एक सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय समारोह में साझेदार देश बनने जा रहा है। इससे हमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ है। 

           मंत्री ने यह भी कहा कि खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग के समक्ष बहुत सारी चुनौतियां हैं, लेकिन पिछले तीन वर्षों में इस क्षेत्र में हुए बदलावों के कारण उद्योग बाधाओं से पार पाने के लिए तैयार है। श्रीमती बादल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले तीन वर्षों में हमारी सरकार ने 9 नये मेगा फूड पार्क शुरू किये हैं, आपूर्ति अवसंरचना को मजबूत किया है, 6 हजार करोड़ रूपये के आवंटन से किसान संपदा योजना का क्रियान्वयन किया है, नाबार्ड के साथ 2 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाया है जो वरीयता के आधार पर खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योगों को ऋण मुहैया करायेगा, करों को तर्कसंगत बनाया है, खाद्य क्षेत्र के खुदरा बाजार में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी है इत्यादि। 


              इन कदमों से सरकार के भारत को एक बाजार की बजाय वैश्विक खाद्य फैक्ट्री बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा जर्मनी के कोलंगे में ब्रांड एएनयूजीए के साथ ब्रांड इंडिया भी सामानांतर खड़ा दिखाई देगा। श्रीमती बादल ने कहा दरअसल भारत सरकार द्वारा आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया में जर्मनी को साझेदार के रूप में आमंत्रित किया जा सकता है। मंत्री ने जर्मनी में एएनयूजीए और फ्रांस में एसआईएएल जैसी अंतर्राष्ट्रीय खाद्य प्रदर्शनियों में भारत के भाग लेने से खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग की शक्तियों को प्रदर्शित के महत्व को स्वीकार किया।

            श्रीमती बादल ने जोर देकर कहा खाद्य नीति सभी बाधाओं को दूर करने और किसानों के जीवन को बदलने क काम करेगी। खाद्य प्रसंस्करण के उद्योगों के विकास से वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। हमें अपनी किसानों की तकनीक को उन्नत करना होगा और ना केवल खाद्य प्रसंस्करण में बल्कि कृषि प्रोद्यौगिकी में निवेश की आवश्यकता है। 

            मंत्री ने कहा कि हमें पश्चिमी देशों से सीखना होगा कि किस तरह से पैदावार और परिवहन के स्तर पर अपव्यय को नियंत्रित किया जाए। इस अवसर पर श्रीमती काठरिना सी हमा ने कहा कि उन्हें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत एएनयूजीए 2017 में साझेदार देश होगा। एएनयूजीए 2015 में 135 भारतीय प्रदर्शक थे वहीं कोलंगे में 7 अक्तूबर से 11 अक्तूबर तक एएनयूजीए 2017 में 200 से ज्यादा भारतीय कंपनियों के हिस्सा लेने की आशा जतायी जा रही है।

             एएनयूजीए 2017 में पहली बार खाद्य उद्योग में ई-कॉमर्स केंद्रित होगा। श्रीमती हमा ने कहा कि भारतीय खाद्य उद्योग को उसकी क्षमता और पाक कला संबंधी प्रतिस्पर्धा के लिए जाना जाता है। दुनिया भारतीय पाक व्यंजनों और इसकी विविधता की तरफ आकर्षित है। भारत में विविध प्रकार के मसाले पाये जाते हैं जो विश्व भर को निर्यात किये जाते हैं। उन्होंने भारत सरकार को नये मार्ग और नई पहलों के लिए बधाई दी।

Tuesday 13 June 2017

नानजिंग, चीन में ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की सातवीं बैठक में भाग लेंगे राधा मोहन सिंह

           केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की सातवी बैठक हिस्सा लेने के लिए 15 जून,२०१७ की सुबह रवाना हो रहे हैं। यह बैठक 15 से 17 जून तक नानजिंग, चीन में चलेगी। 

        चीन के दौरे के मुख्य कार्यक्रम हैं। 15 जून गुरुवार सुबह ब्रिक्स एग्रीकल्चर कॉपरेशन वर्किंग ग्रुप की बैठक है। इसी दिन दोपहर की बैठक में ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों के संयुक्त घोषणा पत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा। 16 जून को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की सातवीं बैठक में अपनी बात रखेंगे तथा बैठक में चीन के वाइस मिनिस्टर वर्किंग ग्रुप मीटिंग के दस्तावेजों के नतीजों की समीक्षा प्रस्तुत करेंगे। इसी बैठक में ब्रिक्स मिनिस्टर ऑफ एग्रिकल्चर की सातवीं बैठक की संयुक्त घोषणा पत्र और ब्रिक्स देशों के एग्रीकल्चर कॉपरेशन एक्शन प्लान 2017-2021 को पारित किया जाएगा। 

      इसके बाद विभिन्न देशों के साथ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। तदोपरांत शाम को ब्रिक्स एग्रीकल्चरल कॉपरेशन फोरम का उद्घाटन किया जाएगा।

Tuesday 6 June 2017

चीन सहित दुनिया के देश चखेंगे अब भारतीय आम का स्वाद

         चीन, ईरान, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया, मॉरीशस, कोरिया गणराज्‍य और संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) के 21 प्रमुख आयातकों ने एपीडा द्वारा आयोजित आम क्रेता-विक्रेता बैठक (बीएसएम) में भाग लिया।

      देश भर के 100 से भी ज्‍यादा निर्यातकों ने इस क्रेता-विक्रेता बैठक में हिस्‍सा लिया। चीन की एक प्रमुख आयातक मेसर्स डालियान इदू ने भारतीय निर्यातकों के साथ बातचीत की और पेशकश किये गये भारतीय आम पर अच्‍छी प्रतिक्रि‍या व्‍यक्‍त की। कुछ प्रमुख निर्यातकों जैसे कि मेसर्स बॉम्‍बे एक्‍सपोर्ट्स, मेसर्स असर ब्रदर्स, केइबी एक्‍सपोर्ट्स ने बीएसएम के दौरान अच्‍छी प्रतिक्रि‍या मिलने के बारे में जानकारी दी। इस बैठक की एक खास बात यह भी रही कि इस दौरान आम की विभिन्‍न वाणिज्यिक किस्‍मों जैसे कि अल्फांसो, केसर, बंगानपल्ली, दशहरी, लंगड़ा, चौसा इत्‍यादि के लुभावने नमूने पेश किये गये।

          इसी तरह स्थानीय स्वदेशी किस्मों जैसे मल्लिका, पीटर, रुमानी, नीलम, हिममपसंद, अरकाअनमोल, फजली इत्‍यादि के नमूने भी बैठक के दौरान पेश किये गये। दस आम उत्‍पादक राज्‍यों के राज्‍य बागवानी विभागों ने अपने-अपने यहां उगाये जाने वाले आमों की विभिन्‍न किस्‍मों को प्रदर्शित किया। इन राज्‍यों को आमों की विभिन्‍न किस्‍मों को प्रदर्शित करने के लिए स्‍टॉल भी उपलब्‍ध कराये गये। एपीडा ने अपने पवेलियन में ताजे फलों की विस्‍तृत रेंज प्रदर्शित की, ताकि आयातकों को ताजे फलों के रूप में भारत की पेशकश से आयातक परिचित हो सकें। इसके अलावा आम के अनेक मूल्‍य वर्धित उत्‍पादों जैसे कि मैंगो पल्प, अचार, चटनी, जैम एवं जेली, जूस इत्‍यादि को भी इस दौरान प्रदर्शित किया गया।

             इस कार्यक्रम का उद्घाटन वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय में अपर सचिव आलोक वर्धन चतुर्वेदी ने किया और इस अवसर पर एपीडा के चेयरमैन डी. के. सिंह, कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव डॉ. शकील पी अहमद, कर्नाटक राज्‍य आम विकास एवं विपणन निगम के प्रबंध निदेशक कादिर गौड़ा, आंध्र प्रदेश के बागवानी आयुक्‍त चिरंजीव चौधरी, पश्चिम बंगाल की बागवानी आयुक्‍त सुश्री मुधमिता सिन्‍हा रे और विभिन्‍न राज्‍य सरकारों के वरिष्‍ठ अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

चीन के बीजिंग में मिशन नवाचार एवं स्‍वच्‍छ ऊर्जा मंत्रि‍स्‍तरीय सम्‍मेलन में डॉ. हर्षवर्धन भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे

        विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्‍वी विज्ञान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अगुवाई में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वितीय मिशन नवाचार एवं स्‍वच्‍छ ऊर्जा मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन में भाग लेगा। 

     इस सम्‍मेलन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारीगण भी शिरकत करेंगे। 18 माह पहले 30 नवंबर, 2015 को 20 देशों के राजनेता मिशन नवाचार (एमआई) का शुभारंभ करने के लिए एकजुट हुए थे। यह नवाचार की गति में तेजी लाने और स्‍वच्‍छ ऊर्जा को व्‍यापक रूप से किफायती एवं विश्‍व भर में सुगम्‍य बनाने के लिए एक उल्‍लेखनीय पंचवर्षीय प्रतिबद्धता है। मिशन नवाचार (एमआई) में अब 22 अर्थव्‍यवस्‍थाओं के साथ-साथ  यूरोपीय आयोग भी शामिल है जो यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्‍व करता है और स्‍वच्‍छ ऊर्जा से जुड़े अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) में कुल वैश्विक सार्वजनिक वित्त पोषण के 80 प्रतिशत से भी ज्‍यादा का योगदान देता है। 

           यह नवाचार की गति बढ़ाने और इस स्‍वच्‍छ ऊर्जा क्रांति शुभारंभ के जरिये बदलाव लाने के लिए 22 सदस्‍य देशों एवं यूरोपीय संघ की ओर से समेकित प्रयास है, ताकि समय पर आर्थिक, ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ अन्‍य लक्ष्‍य हासिल किये जा सकें। भारत संचालन समिति का संस्‍थापक सदस्‍य है।

      इसके साथ ही भारत इन दो उप-समूहों का भी एक सदस्‍य है: संयुक्‍त अनुसंधान एवं क्षमता निर्माण और निजी क्षेत्र की भागीदारी। उपर्युक्‍त बैठक के दौरान सात अभिनव चुनौतियों की घोषणा की जायेगी जिनमें से इन तीन चुनौतियों की अगुवाई भारत करता है: स्‍मार्ट ग्रिड, ग्रिड से इतर पहुंच और टिकाऊ जैव ईंधन।

Sunday 4 June 2017

अंतर्राष्ट्रीय शांति व स्थिरता के समक्ष वैश्विक आतंकवाद सबसे गंभीर चुनौती

           केंद्रीय संसदीय मामले व कृषि तथा किसान कल्याण राज्य मंत्री एस.एस. अहलूवालिया ने नार्वे में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल की तीन दिन की यात्रा के दौरान उसका नेतृत्व किया। 

       यह यात्रा दोनों देशों के बीच संसदीय संबंध बढ़ाने के मकसद से की गई। यात्रा के दौरान शिष्टमंडल ने नार्वे सरकार के विभिन्न विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मुलाकात की। इन बैठकों के दौरान अहलूवालिया ने कहा कि भारत और नार्वे को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष, समुद्री सहयोग, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, कचरा प्रबंधन, मत्स्य उद्योग, कृषि, बागवानी तथा कार्बनिक खेती के बारे में प्रौद्योगिकी के आदान प्रदान जैसे क्षेत्रों में सहयोग अधिक सुदृढ़ करना चाहिए। 

           आतंकवाद के वैश्विक खतरे के बारे में अहलूवालिया ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के समक्ष सबसे गंभीर चुनौती है। इससे मानवाधिकारों का हनन होता है और लोकतांत्रिक राष्ट्रों के सामाजिक तथा आर्थिक विकास में बाधा आती है। अहलूवालिया ने इस बात पर जोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए। 

              उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद की कड़ी निंदा करता है। आतंकवादियों को पनाह, हथियार, प्रशिक्षण या धन देने वाले राष्ट्रों को कतई सहन नहीं करने के पक्ष में है। अहलूवालिया ने कहा कि भारत और नार्वे संयुक्त राष्ट्र में एक दूसरे का समर्थन करते रहे हैं। दोनों देशों को इस क्षेत्र में अधिक सहयोग करने की आवश्यकता है। 

           अहलूवालिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के भारत के दावे का समर्थन करने के लिए नार्वे का आभार व्यक्त किया। मत्स्य उद्योग के क्षेत्र में सहयोग के बारे में अहलूवालिया ने कहा कि जल-जीवपालन प्रणालियों का पुनश्चक्रण भारत के लिए नया विषय है। इस उच्च उत्पादन तकनीक के लिए भारत, नार्वे से तकनीकी जानकारी और विशेषज्ञता के आदान प्रदान की उम्मीद करता है। भारतीय शिष्टमंडल ने नार्वे में भारतीय समुदाय के साथ भी विचार विमर्श किया। भारतीय राजदूत देवराज प्रधान द्वारा आयोजित भोज में हिस्सा लिया।

Friday 2 June 2017

भारत की सौर ऊर्जा क्षमता पांच गुना

           केंद्रीय बिजली, कोयला, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने बर्लिन, लिपजिग और म्यूनिख की यात्रा की। मंत्री ने यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय और बिजनेस बैठकें कीं। 

        यात्रा की शुरुआत जर्मन विकास एजेंसी जीआईजेड (गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनल जुसामेनाबेट) के उपाध्यक्ष डॉ. क्रिस्टोफ बेयर के साथ बैठक से हुई। गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत ने हाइड्रो और परमाणु समेत अपनी हरित ऊर्जा क्षमता को 100 जीडब्ल्यू से अधिक बढ़ाया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भारत ने अपनी सौर ऊर्जा की क्षमता को वर्ष 2014 से पांच गुना अधिक बढ़ा दिया है। मंत्री ने जर्मन पक्ष को सूचित किया कि कैसे भारत ने किफायती नवीकरणीय ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए उसकी नीलामियों में सफलता प्राप्त की और जर्मनी, जो कि फीड इन टैरिफ (एफआईटी) से दूर हो रहा है, भी इसे अपना सकता है।

            130 से अधिक देशों में जीआईजेड की वैश्विक उपस्थिति को देखते हुए, गोयल ने ईईएसएल के साथ साझेदारी का प्रस्ताव रखा, जिससे भारत को अपने ऊर्जा दक्षता उत्पादों को दुनिया भर में वितरित करने में मदद मिलेगी। मंत्री ने दीर्घकालिक धन, ग्रिड संतुलन, विद्युत वाहनों के विकास, ऑफ ग्रिड प्रणाली, हरित ऊर्जा कॉरिडॉर पर भी बात की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र के विजन 'मेक इन इंडिया मिटेलस्टांड (एमआईआईएम)' के मद्देनजर गोयल ने कुछ जर्मन कंपनियों से भेंट की और उनसे मेक इन इंडिया से जुड़ने व उसमें संभावनाएं तलाशने को लेकर विचार-विमर्श किया। बर्लिन और म्युनिख में आयोजित बैठकों के दौरान मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे जर्मन कंपनियां भारत में मेक इन इंडिया के तहत कम लागत पर अपना दुनिया भर के लिए उत्पाद बनाकर इस अवसर का लाभ उठा सकती हैं। 

           जर्मन और भारतीय कंपनियों के बीच संपर्क को बेहतर बनाने के उद्देश्य से गोयल ने सिफारिश की कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) सचिवालय सीआईआई, फिक्की आदि के सहयोग से मासिक बैठक करे। इस बैठक में वित्तीय कंपनियों समेत जर्मन और भारतीय कंपनियां शामिल हो सकती हैं। जर्मन पर्यावरण, प्राकृतिक संरक्षण, बीएमयूबी संघीय मंत्री डॉ. बारबरा हेंड्रिक्स और उनके अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक में गोयल ने दोहराया कि कैसे भारत ने श्री मोदी के नेतृत्व में नवीकरणीय ऊर्जा को आस्था का विषय बना लिया है और वह पेरिस प्रतिबद्धता पर दृढ़ है। 

           बैठक में गोयल ने डॉ. हेंड्रिक्स को बताया कि भारत पेस समझौते में सतत जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। दोनों मंत्रियों में इस बात पर सहमति बनी कि नवीकरणीय ऊर्जा को एक बोझ की तरह नहीं बल्कि हरित ग्रह के निर्माण के लिए संभावनाओं की तरह लिया जाए। गोयल ने री-इनवेस्ट 2017 में भारत के साथ साझेदारी के लिए जर्मन पक्ष को आमंत्रित किया।

Thursday 1 June 2017

अलेक्‍जेन्‍ड्रा को सर्बिया के राष्‍ट्रपति के पदभार ग्रहण करने पर बधाई

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महामहिम अलेक्‍जेन्‍ड्रा वुइकिक के सर्बिया गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति का पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी है।

      राष्‍ट्रपति ने अपने संदेश में कहा, ’02 अप्रैल, 2017 को हुए राष्‍ट्रपति चुनाव में आपकी बड़ी जीत के बाद सर्बिया के राष्‍ट्रपति का पदभार ग्रहण करने पर कृपया मेरा अभिनन्‍दन स्‍वीकार करें। भारत सर्बिया के साथ ऐतिहासिक और समय पर परखे संबंधों को महत्‍व देता है। हमारे द्विपक्षीय संबंध पारस्‍परिक विश्‍वास पर आधारित हैं और महत्‍वपूर्ण हित के विषयों पर हम एक दूसरे को समर्थन देते है। मुझे विश्‍वास है कि एक साथ काम करके हम अपने संबंधों की पूर्ण क्षमता को हासिल करेंगे।

      हमारे संबंध हाल में आपकी भारत यात्रा के दौरान और आगे बढ़े हैं। मैं महामहिम के कुशल क्षेम और स्‍वास्‍थ्‍य तथा सर्बिया के मैत्रीपूर्ण जनता की प्रगति और समृ‍द्धि की कामना करता हूं।’