Tuesday 20 June 2017

भारत व पुर्तगाल के बीच अभिलेखागार सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता

     भारत व पुर्तगाल ने अभिलेखागार सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते पर पुर्तगाल की राजधानी लिसबन में भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार और पुर्तगाल गणराज्य के संस्कृति मंत्रालय के बीच 17 मई, 2017 को हस्ताक्षर किए गए।

      समझौते के अंतर्गत पहले कदम के रूप में टौरे दो तोम्बो (नेशनल आर्काइव्स ऑफ पुर्तगाल) ने ‘मोनकॉस दो रीनो’(मॉनसून कॉरस्पान्डन्स) नाम से संग्रह के 62 संस्करणों की डिजिटल प्रतियां राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंपी। ये संस्करण मूल रूप से 1568 से 1914 तक की अवधि तक के 456 संस्करणों का हिस्सा रहे हैं। यह गोवा स्टेट आर्काइव्स के सभी रिकॉर्ड संग्रहों में सबसे बड़ा है। संग्रह में लिसबन से गोवा की सीधा लिखा-पढ़ी को शामिल किया गया है और यह एशिया में पुर्तगाली विस्तार, अरबों के साथ उनके व्यापारिक विरोधियों और यूरोपीय शक्तियों तथा दक्षिण एशिया और पूर्व एशिया में पड़ोसी राजाओं के साथ उनके संबंधों के अध्ययन का महत्वपूर्ण स्रोत है। 
       1605 से 1651 की अवधि के बीच की घटनाओं से जुड़े 12,000 दस्तावेजों वाले इन 62 संस्करणों को 1777 में, गोवा से लिसबन भेज दिया गया था जहां इन्हें ‘डॉक्यूमेंटोस रेमेटीदोस दा इंडिया’(भारत से भेजे गए दस्तावेज) शीर्षक से 1880 और 1893 के बीच लिसबन में एकेडमी ऑफ साइंस द्वारा प्रकाशित किया गया। 
          मौलिक संस्करण हमेशा लिसबन में रहे हैं। 240 वर्ष बाद गोवा स्टेट आर्काइव्स के संग्रह की श्रृंखलाओं में इस खाई को तब पाटा गया जब 17 मई, 2017 को एक समारोह में पुर्तगाल में भारत की राजदूत के.नंदिनी. सिंगला, सांस्कृतिक समझौता और सहयोग कार्यक्रम इकाई की चीफ ऑफ डिविजन सुश्री टेरेसा आर्टिलहीरो फेरेरा, पुर्तगाल के पुस्तकालय, अभिलेखागार और पुस्तक महानिदेशक, डॉ. एल्मीडा लेसर्दा ने ‘मोनकॉस दो रीनो’ के लापता संस्करणों की डिजिटल इमेज का एक सेट भारत के अभिलेखागार महानिदेशक राघवेंद्र सिंह को सौंपा जिनके नेतृत्व में दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 15-17 मई, 2017 तक पुर्तगाल की यात्रा पर था।
          इस अवसर पर सिंह ने पुर्तगाल और भारत में अभिलेखागार बिरादरी के साथ निकट सहयोग कायम करने के लिए कार्य करने की इच्छा व्यक्त की ताकि दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंधों को बेहतर बनाया जा सके। पुर्तगाल में भारत की राजदूत ने कहा कि पुर्तगाली प्रधानमंत्री की इस वर्ष भारत की सफल यात्रा के बाद दोनों देश टेक्नोलॉजी से शिक्षा और नागर विमानन से फुटबाल तक विभिन्न क्षेत्रों में मिल सहयोग स्थापित कर सकेंगे। संस्कृति हमारे लोगों के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है और इस क्षेत्र में सहयोग सभी को अच्छा लगेगा।