Wednesday 23 August 2017

भारत-नेपाल सीमा पर मेची नदी पर एक नये पुल के निर्माण के लिए समझौता

     प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल ने भारत-नेपाल सीमा पर मेची नदी पर एक नये पुल का निर्माण शुरू करने के लिए लागत में साझेदारी, कार्यक्रम और सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर कार्यान्‍वयन की व्‍यवस्‍था करने को लेकर भारत और नेपाल के बीच एक समझौता पर हस्‍ताक्षर किए जाने को अपनी मंजूरी दे दी है।

     इस पुल के निर्माण की अनु‍मानित लागत 158.65 करोड़ रुपये है, जिसे एशियाई विकास बैंक से प्राप्‍त ऋण द्वारा भारत सरकार की ओर से उपलब्‍ध कराया जाएगा। यह नया पुल काकरविट्टा (नेपाल) से पानीटंकी बाईपास (भारत) तक राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या 327बी की 1500 मीटर लम्‍बाई के उन्‍नयन कार्य का हिस्‍सा है। जिसमें 825 मीटर लंबा छह लेन वाला सम्‍पर्क मार्ग शामिल है। मेची पुल भारत में एशियाई राजमार्ग 02 का अंतिम बिंदु है, जो नेपाल की ओर जाता है। नेपाल के साथ महत्‍वपूर्ण सम्‍पर्क कायम करता है।
      इस पुल के निर्माण से क्षेत्रीय सम्‍पर्क में सुधार होगा। दोनों देशों के बीच सीमा के आर-पार व्‍यापार में वृद्धि होगी। औद्योगिक, सामाजिक और सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान मजबूत होने से अच्‍छे संबंध कायम होंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन राष्‍ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) को इस परियोजना के लिए एक कार्यान्‍वयन एजेंसी के रूप में निर्धारित किया गया है। 
      इस परियोजना के लिए विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है। नेपाल सरकार के संपर्क से पुल के सामंजस्‍य को अंतिम रूप दिया गया है।

गृह मंत्री की किरगिज गणराज्य की यात्रा

     केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह 24-25 अगस्त, 2017 को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों राज्यों के सरकार के प्रमुखों की 9वीं बैठक में शामिल होने के लिए किरगीज जा रहे है।

      गृह मंत्री के साथ एक शिष्टमंडल भी जा रहा है। इस बैठक में आपात स्थितियों की रोकथाम और समाप्ति पर विचार किया जाएगा। भारतीय शिष्टमंडल में गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) तथा विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी हैं। भारत को एससीओ की पूर्ण सदस्यता इस वर्ष मिली और जून, 2017 में कजाखस्तान के अस्ताना में आयोजित शंघाई सहयोग संघठन की वार्षिक शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए थे। एससीओ सदस्य के रूप में भारत की भागीदारी से एससीओ के ढांचे में अंतर्गत आबादी और भू-भाग की सुरक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के विकास को गति देने का अवसर मिलेगा।
        इससे क्षेत्रीय और वैश्विक प्रारूप में गुणात्मक रूप से नई स्थिति बनेगी।शंघाई सहयोग संगठन के सरकारों के प्रमुखों की बैठक में आपात स्थितियों को समाप्त करने में सदस्यों देशों की सरकारों के बीच हुए समझौते को लागू करने के लिए 2018-19 की कार्य योजना के प्रारूप पर विचार किया जाएगा और इसको मंजूरी दी जाएगी। अपनी यात्रा के दौरान गृह मंत्री कुछ एससीओ सदस्यों देशों के मंत्रियों से द्विपक्षीय बैठक करेंगे।