भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच विज्ञान एवं तकनीकी सहयोग के 20 वर्ष
दक्षिण अफ्रीका। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अगुवाई में
भारतीय प्रतिनिधिमंडल दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर है।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच विज्ञान एवं तकनीकी सहयोग के 20 वर्ष पूरे
होने के अवसर पर आयोजित समारोह में यह प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा। भारतीय
प्रतिनिधिमंडल के दक्षिण अफ्रीका दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच
विज्ञान संबंधी सहयोग को और सुदृढ़ करना तथा अंतरिक्ष शोध से लेकर
जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग के अवसर
तलाशना है।
प्रतिनिधिमंडल इस दौरान दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत
करेगा। बैठक के दौरान ये वैज्ञानिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न
विषयों पर अपने गहन अनुभवों एवं अंतर्दृष्टि को साझा करेंगे। मंत्री ने
स्क्वायर किलोमीटर एरे (एसकेए) का दौरा किया, जो एक विशाल मल्टी रेडियो
टेलीस्कोप परियोजना है।
जिसका विकास ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड तथा दक्षिण अफ्रीका में हो रहा है।
इसमें रेडियो खगोल विज्ञान का उपयोग किया जा रहा है और इसके तहत न्यूनतम
3000 किलोमीटर की दूरी पर रिसीविंग स्टेशन स्थापित किये जा रहे हैं। इस
परियोजना से खगोल भौतिकी के सबसे दिलचस्प वैज्ञानिक रहस्यों का पता लग
पाएगा।
इसमें प्रारंभिक ब्रह्मांड की विशेषताओं से लेकर बुद्धिमान परग्रही जीवन
की तलाश करने जैसे रहस्य इसमें शामिल हैं। ‘एसकेए’ एक वैश्विक परियोजना
है, जिससे 12 सदस्य देश जुड़े हुए हैं।
भारत भी एक सदस्य देश है। भारत स्थित राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी
केन्द्र इसमें हितधारक है, जो भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग से
सम्बद्ध है।
भारत ‘एसकेए’ के अनेक डिजाइन कार्य संबंधी पैकेजों में संलग्न है,
जिसमें केन्द्रीय सिग्नल प्रोसेसिंग और टेलीस्कोप मैनेजर सिस्टम प्रमुख
है। यह एसकेए वेधशाला के कामकाज के अंतर्गत तंत्रिका केंद्र के रूप में
कार्य करेगा।