Friday 23 June 2017

जल संसाधन प्रबंधन के लिए नीदरलैंड व भारत के बीच समझौता को मंजूरी

        प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जल संसाधन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरोद्धार मंत्रालय और नीदरलैंड्स के अवसंरचना और पर्यावरण मंत्रालय के बीच समझौता (एमओयू) को मंजूरी दी है। 

       इस समझौते में यह परिकल्पना की गई है कि दोनों देश की सरकारें जल संसाधनों के कुशल उपयोग, नदी बेसिन प्रबंधन, निर्णय समर्थन प्रणालियों, डेल्टा प्रबंधन, जल गुणवत्ता संबंधी मुद्दे और नवाचारी रियायत प्रबंधनों के माध्यम से अपशिष्ट जल रिसाइक्लिंग और पुन: प्रयोग सहित आपसी रूप से सहमत क्षेत्रों में सहभागिता तथा अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करके जल संसाधन प्रबंधन एवं विकास के क्षेत्र में राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में कार्य करेंगी। 
            समझौता के अंतर्गत सहयोग में अध्ययन दौरों, संगोष्ठियों, सम्मेलनों एवं दोनों देशों के विशेषज्ञों की बैठकों, क्षमता निर्माण कार्यक्रम-प्रशिक्षण के संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देकर, अकादमिक एवं संबंधित अनुसंधान और प्रशिक्षण के उद्देश्य के लिए प्रशिक्षण समूह एवं अन्य गतिविधियों के लिए आदान-प्रदान, सहयोगात्मक परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों में आपसी भागीदारी को प्रोत्साहित और या शुरू करना, सार्वजनिक निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के माध्यम से ज्ञान और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना शामिल होगा। 
             समझौता को पूरा करने के लिए की जाने वाली कार्यकलापों की निगरानी करने के लिए एक संयुक्त कार्य दल का भी गठन किया जाएगा। द्विपक्षीय सहयोग देश को नदी बेसिन प्रबंधन, गंगा सहित नदियों के प्रदूषण में उपशमन, बाढ़ प्रबंधन, जल गुणवत्ता और जल के कुशल उपयोग के क्षेत्र में जल संसाधनों के क्षेत्र में कार्य करने वाली केंद्र एवं राज्य सरकारों की एजेंसियों की संस्थानिक और तकनीकी क्षमता बढ़ाने में लाभ प्रदान करेगा। 
             जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा पुनरुद्धार मंत्रालय नीति और तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करके, प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के संचालन, कार्यशालाओं, वैज्ञानिक एवं तकनीकी परिसंवादों, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, अध्ययन दौरा आदि के माध्यम से जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर विचार कर रहा है।
           नदी बेसिन प्रबंधन नियोजन-एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन प्रदूषण उपशमन, निर्णय समर्थन प्रणालियां, डेल्टा प्रबंधन, जल गुणवत्ता, अपशिष्ट जल रीसाइक्लिंग और पुनः प्रयोग आदि में नीदरलैंड की सफलता को ध्यान में रखते हुए नीदरलैंड के साथ करार करने का यह निर्णय लिया गया है जिससे कि उनके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ उठाया जा सके।

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