Friday 13 October 2017

वैश्‍विक प्रभावों को समझना आवश्‍यक, खासतौर से कारोबारी

     वॉशिंगटन। वित्‍त एवं कारपोरेट मामलो के मंत्री अरुण जेटली ने वॉशिंगटन डीसी में आयोजित जी-20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नरों की बैठक में हिस्‍सा लिया।

  बैठक के दौरान विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था और विकास रूप-रेखा, अफ्रीका के साथ संबद्धता और अंतर्राष्‍ट्रीय वित्‍तीय संरचना पर चर्चा की गई। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली इस समय अमेरिका के एक हफ्ते के दौरे पर हैं, जहां उन्‍हें अन्‍य संस्‍थानों सहित विश्‍व बैंक और अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों में शामिल होना है।
    जी-20 रूपरेखा कार्य समूह (एफडब्‍ल्‍यूजी) के सह-अध्‍यक्ष के रूप में भारत ने ‘विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था और विकास रूप-रेखा’ पर दूसरे दौर के सत्र के दौरान प्रमुख हस्‍तक्षेप किया था। इस दौर में ‘मजबूत, टिकाऊ और संतुलित विकास’ (एसएसबीजी) पर आईएमएफ जी-20 रिपोर्ट पर चर्चा की गई थी। 
    वित्‍त मंत्री जेटली ने कहा कि यह रिपोर्ट विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था के सामने मौजूद चुनौतियों को समझने और उनके लिए जी-20 की कारगर प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए उपयोगी सामग्री प्रदान करती है। वित्‍तमंत्री ने कहा कि सदस्‍य देशों की घरेलू नीतिगत गतिविधियों के वैश्‍विक प्रभावों को समझना बहुत आवश्‍यक है। इसके संबंध में खासतौर से कारोबारी और वित्‍तीय नियमों को ध्‍यान में रखना होगा। 
     उन्‍होंने सुझाव दिया कि आईएमएफ एसएसबीजी रिपोर्ट को संभावित विश्‍लेषक उपायों की परख के लिए इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए ताकि उनके द्वारा नीति प्रभावों को समझा जा सके। उन्‍होंने कहा कि इसे संभव बनाने के लिए सदस्‍यों को विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध कराई जानी चाहिए।
   हर देश की नीति को स्‍पष्‍ट रूप से पेश किया जाए और प्रमुख चुनौतियों के संबंध में उपयुक्‍त कार्रवाई को आपस में साझा किया जाए। ऐसा करने से चुनौतियों को बेहतर तरीके से समझने में सहायता होगी, जो सभी सदस्‍यों के लिए लाभप्रद है। 
     अफ्रीका के साथ संबद्धता पर जी-20 सत्र के दौरान विभिन्‍न विषयों तथा अफ्रीका सलाहकार समूह के कार्यों की प्रगति का जायजा लिया गया। अंतर्राष्‍ट्रीय वित्‍तीय संरचना सत्र में पूंजी प्रवाह की निगरानी, विश्‍व वित्‍तीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने और संरचना निवेश के लिए वित्‍त पोषण के संबंध में एमडीबी की क्षमता बढ़ाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
     वित्‍त मंत्री अरुण जेटली अन्‍य संस्‍थानों सहित विश्‍व बैंक और अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों में शामिल होने के लिए इस समय अमेरिका के एक हफ्ते के दौरे पर हैं। उनके साथ भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल, आर्थिक मामलो के विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग और अन्‍य अधिकारी भी गए हैं।

Sunday 8 October 2017

भारत सऊदी तेल, एलपीजी का सबसे बड़ा बाजार

     गुरूग्राम। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने गुरूग्राम में सउदी आर्मको के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अमीन एच.एएल-नसीर के साथ संयुक्त रूप से सऊदी अरमको के आर्मको एशिया इंडिया कार्यालय का उद्घाटन किया। यह कार्यालय टू होरिज़न टॉवर गुरूग्राम में स्थित है। 

   सऊदी आर्मको ने अपनी सहायक आर्मको एशिया इंडिया के द्वारा वर्ष 2016 में भारत में अपने औपचारिक व्यापार की शुरूआत की थी। एएआई अब औपचारिक रूप से कच्चे तेल और एलपीजी व्यापार, अभियांत्रिकी एवं तकनीकी सेवाओं और अन्य व्यापार विकास उद्योगिता के साथ जुड़ेगा। 
   इस अवसर पर धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि भारत सऊदी तेल और एलपीजी का सबसे बड़ा बाजार है। उन्होंने कहा भारत में सऊदी आर्मको कार्यालय का उद्घाटन करते हुए उन्हे बेहत खुशी महसूस हो रही है। 
   यह हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में द्वि-पक्षीय खरीदार-आपूर्तिकर्ता संबंधो की सामरिक साझेदारी को मजबूती प्रदान करने में मदद करेगा। एआरएमएमओ इंडिया ने निकट भविष्य में इंजीनियरिंग सेवाओं, आईटी आपरेशन और सुरक्षा और आर एंड डी सेंटर सहित हाइड्रोकार्बन सेक्टर सेवाओं के कार्यों को शुरू करने के लिए अपने ऑपरेशन का विस्तार करने की योजना बनाई है। 
   सऊदी आर्मको भारतीय कंपनियों के साथ भागीदारी करने का इरादा रखता है। भारत में मेक इन इंडिया गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारत में हाइड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला में एकीकृत व्यवसाय उद्यम स्थापित करना चाहता है।
   सऊदी अरब इराक के बाद भारत के लिए कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। देश में 19 प्रतिशत कच्चा तेल और 29 प्रतिशत एलपीजी आयात सऊदी अरब से होता है। वर्ष 2016-17 के दौरान भारत ने सऊदी अरब से 39.5 एमएमटी कच्चे तेल का आयात किया।

Friday 6 October 2017

भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच विज्ञान एवं तकनीकी सहयोग के 20 वर्ष

     दक्षिण अफ्रीका। केन्‍द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्‍वी विज्ञान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अगुवाई में भारतीय प्रतिनिधिमंडल दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर है। 

   भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच विज्ञान एवं तकनीकी सहयोग के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में यह प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के दक्षिण अफ्रीका दौरे का उद्देश्‍य दोनों देशों के बीच विज्ञान संबंधी सहयोग को और सुदृढ़ करना तथा अंतरिक्ष शोध से लेकर जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग के अवसर तलाशना है।
   प्रतिनिधिमंडल इस दौरान दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करेगा। बैठक के दौरान ये वैज्ञानिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्‍न विषयों पर अपने गहन अनुभवों एवं अंतर्दृष्टि को साझा करेंगे। मंत्री ने स्क्वायर किलोमीटर एरे (एसकेए) का दौरा किया, जो एक विशाल मल्‍टी रेडियो टेलीस्‍कोप परियोजना है। 
      जिसका विकास ऑस्‍ट्रेलिया, न्‍यूजीलैंड तथा दक्षिण अफ्रीका में हो रहा है। इसमें रेडियो खगोल विज्ञान का उपयोग किया जा रहा है और इसके तहत न्‍यूनतम 3000 किलोमीटर की दूरी पर रिसीविंग स्‍टेशन स्‍थापित किये जा रहे हैं। इस परियोजना से खगोल भौतिकी के सबसे दिलचस्प वैज्ञानिक रहस्‍यों का पता लग पाएगा। 
       इसमें प्रारंभिक ब्रह्मांड की विशेषताओं से लेकर बुद्धिमान परग्रही जीवन की तलाश करने जैसे रहस्‍य इसमें शामिल हैं। ‘एसकेए’ एक वैश्विक परियोजना है, जिससे 12 सदस्‍य देश जुड़े हुए हैं। 
   भारत भी एक सदस्‍य देश है। भारत स्थित राष्‍ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केन्‍द्र इसमें हितधारक है, जो भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग से सम्‍बद्ध है।
      भारत ‘एसकेए’ के अनेक डिजाइन कार्य संबंधी पैकेजों में संलग्‍न है, जिसमें केन्‍द्रीय सिग्‍नल प्रोसेसिंग और टेलीस्‍कोप मैनेजर सिस्‍टम प्रमुख है। यह एसकेए वेधशाला के कामकाज के अंतर्गत तंत्रिका केंद्र के रूप में कार्य करेगा।

Thursday 5 October 2017

इथोपिया में भारतीय समुदाय की देखभाल के लिए सरकार प्रतिबद्ध

    इथोपिया। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इथोपिया में भारत के राजदूत अनुराग श्रीवास्तव द्वारा आयोजित भारतीय समुदाय स्वागत समारोह को संबोधित किया।

  राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इथोपिया में भारतीय समुदाय भारत-इथोपिया संबंधों का केंद्र बिन्दु रहा है। इन्होंने अध्यापक एवं शिक्षाविद् के तौर पर मेजबान देश के राष्ट्रीय निर्माण में सहयोग दिया है। उद्यमी के तौर पर आर्थिक सुअवसरों को उत्पन्न किया है और स्थानीय लोगों को कौशल प्रदान किया है। तकनीकी विशेषज्ञ एवं कर्मचारी के तौर पर इथोपिया के उद्योग की महत्ता को बढ़ावा दिया है।
     भारतीय समुदाय ने इथोपिया के समाज में अपने लिए सम्मान कड़ी मेहनत और समर्पण से प्राप्त किया है। भारतीय समुदाय ने भारतीय मूल्यों, पारिवारिक परम्परा और नैतिक कार्यों को संभाल कर रखा है एवं आगे बढ़ाया है। 
        राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इथोपिया भी भारत की तरह विविधताओं से भरा देश है और विभिन्न भाषाओं और पाक कलाओं, संगीत, नृत्य एवं नाटय कलाओं की भूमि है। भारतीय समुदाय को स्थानीय ग्रहणशील संस्कृति का लाभ लेना चाहिए और अपनी संस्कृति को साझा एवं इसका प्रदर्शन करना चाहिए। 
    राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और इथोपिया दोनों के पास विशाल युवा जनसंख्या है। युवा भविष्य हैं और नये विचारों का आयुर्भाव उन्हीं पर निर्भर करता है। उन्होंने भारतीय समुदाय को इथोपिया के युवाओं से जुड़ने के लिए विशेष प्रयास करने की सलाह दी। 
     उन्होंने कहा कि बेहतर विश्व निर्माण के लिए, चाहे वह जलवायु परिवर्तन से निपटने या लोगों को कौशल प्रदान करने में, उनके विचार समाधान का काम करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार प्रवासी समुदाय के साथ दीर्घकालिक एवं सक्रिय संपर्क जारी रखना चाहती है। इस संपर्क का मुख्य उद्देश्य भारत में हो रहे परिवर्तनकारी बदलाव के साथ, समुदाय के साथ परिचित होना भी है। 
      प्रवासियों के साथ संवाद भी संभावनाओं को आकार देना और मंच प्रदान करने के उद्देश्य से है, जिससे यह भारत की प्रगति और विकास में प्रतिभागिता कर सकें। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार विदेशी भारतीय समुदाय के हितों का ध्यान रखती है और इनके साथ खड़े रहने का दायित्व को निभाती है। 
     उन्होंने वर्ष 2015 में यमन में ऑपरेशन राहत के दौरान भारतीय नागरिकों को यमन और लीबिया से सुरक्षित निकालने और हाल ही में संयुक्त राज्य अमरीका के कुछ हिस्सों में बाढ़ के दौरान परिवारों को सहायता के प्रयासों का उल्लेख किया। 
    अदीस अबाबा में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय इथोपियन समुदाय के लगभग 500 सदस्यों ने भाग लिया। भारतीय समुदाय इस पूरे देश में फैला हुआ है और इनकी संख्या लगभग 5000 है। राष्ट्रपति कोविंद का इथोपिया दौरा आज भी जारी रहेगा।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जिबूती पहुंचने पर स्वागत

    अफ्रीका। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का उनके अफ्रीका के दौरे के दूसरे दिन जिबूती के राष्ट्रपति पैलेस में औपचारिक स्वागत किया गया।

    उन्होंने जिबूती गणराज्य के राष्ट्रपति इस्माइल उमर गुलेह के साथ सलामी गारद का निरीक्षण किया। राष्ट्रपति की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत का आयोजन भी किया गया। 
      दोनों राष्ट्रपतियों की उपस्थिति में विदेशी कार्यालय स्तर पर भारत और जिबूती के बीच नियमित राजनीतिक सलाह स्थापित करने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। 
     जिबूती का दौरा करने वाले प्रथम भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बातचीत के दौरान परिस्थितियों और विषयों जैसे आतंकवाद, नवीकरणीय ऊर्जा और विशेषतः अंतर्राष्ट्रीय सौर संधि की सदस्यता के लिए जिबूती का सहयोग, भारतीय महाद्वीप क्षेत्र में समुद्री सहयोग और जिबूती के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए भारत द्वारा सहयोग निर्माण क्षमता और तकनीकी का विशेष उल्लेख किया। 
     राष्ट्रपति कोविंद ने भारत द्वारा 2015 में संघर्षरत यमन में वहां के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन राहत के दौरान जिबूती के सहयोग के लिए राष्ट्रपति गुलेह का विशेष तौर पर धन्यवाद किया। इसके बाद राष्ट्रपति कोविंद ने जिबूती गणराज्य के राष्ट्रपति की मेजबानी में दोपहर के राजभोज में हिस्सा लिया। 
      इसके बाद, दो देशों के अफ्रीका दौरे के दूसरे चरण में राष्ट्रपति कोविंद इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा के लिए रवाना हुए। अदीस अबाबा में बोले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इथोपिया संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. मुलातू तिशोम की विशेष उपस्थिति में राष्ट्रपति कोविंद का स्वागत किया गया। 
     इसके बाद राष्ट्रपति को सलामी गारद प्रदान किया गया और उन्होंने इथोपिया के सांस्कृतिक संगीत कार्यक्रम का आनंद भी लिया। राष्ट्रपति कोविंद पिछले 45 वर्षों में इथोपिया का दौरा करने वाले भारत के पहले और अब तक इथोपिया का दौरा करने वाले तीसरे भारतीय राष्ट्रपति हैं।
      इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति वी.वी. गिरी ने वर्ष 1972 और राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन ने वर्ष 1965 में इथोपिया का दौरा किया था। राष्ट्रपति अदीस अबाबा में भारतीय समुदाय के स्वागत समारोह को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का इथोपिया दौरा 5 अक्टूबर, 2017 को भी जारी रहेगा।