Wednesday 30 August 2017

भारत व कनाडा के बीच संयुक्‍त डाक टिकट

      प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारत:कनाडा दीवाली विषय पर दो स्‍मारक डाक टिकटों का एक सैट संयुक्‍त रूप से जारी किए जाने के लिए पारस्‍परिक सहमति से अवगत कराया गया। 

     यह संयुक्‍त डाक टिकट 21 सितम्‍बर 2017 को जारी की जाएगी। इस संयुक्‍त निर्गम के लिए डाक विभाग व कनाडा पोस्‍ट के बीच एक सहमति-ज्ञापन (एमओयू) पर पहले ही हस्‍ताक्षर किए जा चुके हैं। 
    साझा मूल्‍यों यथा लोकतंत्र, बहुलवाद, सभी के लिए समानता और कानून के राज पर आधारित भारत और कनाडा के संबंध लम्‍बे समय से रहे हैं। 
   व्‍यक्ति से व्‍यक्ति मजबूत सम्‍पर्क तथा कनाडा में व्‍यापक भरतीय जन-मानस की उपस्थिति इन संबंधों को मजबूत आधार प्रदान करता है। इस संयुक्‍त डाक-टिकट के लिए दीवाली पर्व का चयन दोनों देशों के सांस्‍कृतिक परिवेश का द्योतक होने के साथ-साथ कनाडा में भारतीय जन मानस का व्‍यापक उपस्थिति का भी परिचायक है।

Thursday 24 August 2017

एससीओ देशों में प्राकृतिक आपदाओं से 3,00,000 लोगों की मृत्‍यु

      आपात स्थिति की रोकथाम और समाप्ति पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के सरकारों के प्रमुखों की 9वीं बैठक में किर्गिज गणराज्‍य के चोलपोन-एटा में भारत की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा वक्‍तव्‍य दिया गया।

     भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘भारत इस 9वीं बैठक के इस शानदार आयोजन के लिए किर्गिज गणराज्‍य के राष्‍ट्रपति अलमाजबेक एतामबयेव और मंत्री बोरोनोव को हार्दिक धन्‍यवाद देता है। मुझे बताया गया है कि कल विशेषज्ञों के समूहों की बैठक दोस्‍ताना माहौल में आपातस्थिति की रोकथाम और समाप्ति के लिए व्‍यापक कार्यक्रम विकसित करने के उद्देश्‍य से हुई।
       शंघाई सहयोग संगठन के नये सदस्‍यों के रूप में हमें यह कहते हुए खुशी हो रही है कि इस बैठक के लिए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान समय से और उचित रूप में की गई है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्ष 1996 से 2015 की अवधि में एससीओ देशों में प्राकृतिक आपदाओं से 3,00,000 लोगों की मृत्‍यु हुई। आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान हुआ। 
     हम प्राकृतिक और मानव निर्मित जोखिमों से घिरे हुए है। भूकंप, बाढ़, तूफान, चट्टानें खिसकने और महामारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बड़े पैमानों पर लोगों की मृत्‍यु होती है। जलवायु परिवर्तन को देखते हुए जल और मौसम संबंधी जोखिम बढ़ने की संभावना है। यदि हम अपने समुदाय, अपनी पूंजी और अपनी आर्थिक गतिविधियों को मजबूत नहीं बनाते, तो आपदाओं से होने वाला नुकसान बढ़ता रहेगा। अपनी आर्थिक वृद्धि और अपना सतत मानव विकास सुनिश्चित करने के लिए एससीओ देशों के लिए जोखिम कम करना महत्‍वपूर्ण है। 
        गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आपस में जुड़ी दुनिया में जोखिम में कमी महज आर्थिक गतिविधि नहीं है। विश्‍व के एक हिस्‍से में हुई कार्रवाई का असर विश्‍व के दूसरे हिस्‍सों पर भी पड़ता है। दो भौगोलिक क्षेत्रों में आपदाओं का कोई सीधा सम्‍पर्क नहीं है फिर भी आपदा की रोकथाम की चुनौती विश्‍व में सबके लिए समान है। इसलिए हमें निरंतर रूप से एक-दूसरे से सीखना चाहिए, नवाचार को प्रोत्‍साहित करना चाहिए ताकि हम अपने लिए और आने वाली पीढि़यों के लिए सुरक्षित विश्‍व का निर्माण कर सकें।
       गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मानवता का लगभग 40 प्रतिशत हिस्‍सा हमारे देश में रहता है। हम तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍था हैं। यदि हम आपदाओं तथा आपात स्थितियों को रोकने और उनके प्रभावों को कम करने में सफल होंगे, तो पूरी दुनिया को इससे लाभ होगा। जब तक शंघाई सहयोग संगठन के देश आपदा जोखिम कम करने के लक्ष्‍य को प्राप्‍त नहीं करते, तब तक सेंडई रूपरेखा में शामिल लक्ष्य और सतत विकास के लक्ष्‍यों को 2030 तक हासिल नहीं किया जा सकता। 
       इसलिए हम सभी के लिए इस क्षेत्र में अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग महत्‍वपूर्ण है। हम भारत में मृत्‍यु और नुकसान को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। हम आपदाओं से होने वाली मृत्‍यु की प्रवृत्ति का विश्‍लेषण कर रहे हैं और सटीक कदम उठा रहे हैं। हम फैलीन और हुदहुद जैसे दो बड़े तूफानों से कारगर तरीके से सामना करने में सफल रहे है। यह सफलता दशकों की नीतिगत पहल, पूर्व चेतावनी क्षमता में वृद्धि, अग्रिम रूप से तैयारी, प्रशिक्षण और क्षमता विकास के कारण मिली है। 
       इन दो आपदाओं में मरने वालों की संख्‍या घटकर 45 रही, जबकि1999 में ओडिशा में आये तूफान से 10,000 लोग मरे थे। दूसरे शब्‍दों में एक दशक से थोड़ा अधिक समय में हम मृत्‍यु दर को एक प्रतिशत से भी नीचे करने में सफल रहे हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तूफान संबंधी मृत्‍यु में कमी लाने के अतिरिक्‍त हमने अत्‍यधिक तापमान के कारण होने वाली मृत्‍यु को कम करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाया। सभी लोगों-मौसम वैज्ञानिकों, आपदा प्रबंधकों, सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों, स्‍थानीय निकायों, निर्माणस्‍थल के प्रबंधकों, जल तथा बिजली सप्‍लाई करने वाले विभागों के साथ काम करके हमने गर्म हवाओं के बारे में चेतावनी व्‍यवस्‍थाओं में सुधार किया और यह व्‍यवस्‍था स्‍थानीय स्‍तर पर लागू की गई है। 
        इससे हमें गर्म हवाओं से मरने वाले लोगों की संख्‍या कम करने में मदद मिली है। गर्मी से 2015 में जहां 2000 लोगों की मृत्‍यु हो गई थी, वहीं 2017 में गर्म हवाओं से 250 लोग ही मरे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भूकंप जैसी घटनाओं से मृत्‍यु जोखिम कम करना दीर्घकालिक प्रयास है, लेकिन हमने इस दिशा में शुरूआत कर दी है। सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए हमने राष्‍ट्रीय और स्‍थानीय स्‍तरों पर जोखिम दृढ़ता प्रबंधन में सुधार किया है। 2016 में लॉन्‍च की गई हमारी राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना में प्रणालीगत विषयों को शामिल किया गया है। 
     राष्‍ट्रीय योजना के अतिरिक्‍त हमारे सभी राज्‍यों और 90 प्रतिशत जिलों ने आपदा प्रबंधन योजना पूरी कर ली है। भारत मानता है कि शंघाई सहयोग संगठन के ढांचे के अंदर आपदा और आपात स्थितियों की रोकथाम पर सहयोग से हमारे घरेलू प्रयासों को बल मिलेगा। साथ-साथ भारत के उपयोगी कार्यों से एससीओ के सदस्‍य देश भी लाभांवित हो सकेंगे। सहयोग के सम्‍पूर्ण दायरे में मैं आपके विचार के लिए तीन विशेष विषयों का उल्‍लेख करना चाहूंगा। 
       गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहला भूकंप संबंधी नुकसान को कम करने पर सहयोग है। पिछले 20 वर्षों में 2,00,000 लोग भूकंप से मरे हैं। दो तिहाई आपदा संबंधी मृत्‍यु शंघाई सहयोग संगठन देशों में होती है। भविष्‍य में नुकसान को कम करने के लिए ठोस सहयोग गतिविधियों को विकसित करना आवश्‍यक है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस संबंध में एक संयुक्‍त शहरी भूकंप खोज और बचाव अभ्‍यास हमारी सामूहिक तैयारी को सुधारने में मददगार साबित होगा। 
     संयुक्‍त अभ्‍यास से न केवल अंतर्राष्‍ट्रीय रूप से मान्‍य प्रक्रियाओं को समान रूप से समझने में मदद मिलेगी बल्कि इससे व्‍यक्तिगत परिचय और मित्रता भी होगी और यह आपदा प्रबंधन में सहायक साबित होता है। भारत 2019 में ऐसे संयुक्‍त अभ्‍यास की मेज़बानी का प्रस्‍ताव करता है। 
     गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसके अतिरिक्‍त भूकंप को सहन करने वाले भवन निर्माण मॉडल भवन संहिता और परिपालन सुनिश्चित करने की मानक प्रक्रियाओं के बारे में ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की बैठक भी आयोजित की जा सकती है। इससे भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए मध्‍यम और दीर्घावधि के विषयों का समाधान निकाला जा सकता है। 
       गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दूसरा, आपदा सहन करने वाली संरचना तैयार करने के लिए हम क्षेत्रीय सहयोग कर सकते हैं। आने वाले दशकों में एससीओ देशों में अवसंरचना में निवेश सतत विकास के लिए प्रेरक होगा। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि अववसंरचना आपदा प्रभाव सहन करने में सक्षम हो।
       अंत में अत्यधित तापमान के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली के क्षेत्र में भी हमें आपस में सहयोग करने की जरूरत है। एसीओ देशों का जलवायु और मौसम की स्थिति अलग- अलग हो सकती है लेकिन आपदाओं का अनुमान और पूर्व चेतावनी जारी करना सबके लिए समान है। 
     गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम इसी संकल्प के साथ एससीओ ढांचे में काम करते रहेंगे। मैं 2019 में भारत में फोरम की अगली बैठक की मेजबानी का प्रस्ताव करता हूं।

भारतीय नौसेना बैण्ड रूस में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सेना संगीत समारोह में भाग लेगा

          अंतरराष्ट्रीय सैन्य संगीत समारोह "स्पस्काया टॉवर" रूस और दुनिया के अन्य देशों के सर्वश्रेष्ठ म्यूजिक बैण्ड की ऐसी परेड है जो प्रतिवर्ष मॉस्को के लाल चौक में आयोजित की जाती है। 

     यह संगीत पर्व एक विशद आयोजन है जिसमें सैन्य संगीतकार विश्व के विभिन्न देशों की सैन्य, राष्ट्रीय और कला आधारित विविध परंपराओं का प्रदर्शन करते हैं।
     प्रति वर्ष करीब 40 देशों के 1500 से ज्यादा संगीतकार, सेनाओं से जुड़े लोग और कलाकार "स्पस्काया टॉवर" में अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। यह उचित ही है कि इस पर्व को रूस के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में से एक माना जाता है जिसे जन-सामान्य से शानदार समर्थन प्राप्त होता है। 
      इस वर्ष "स्पस्काया टॉवर" को 24 अगस्त से 03 सितंबर 2017 के बीच आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर भारतीय सेना के तीनों अंगों के सम्मिलित बैण्ड को इस प्रतिष्ठित आयोजन में भाग लेने के लिये आमंत्रित किया गया है। 
      इस आयोजन में तीनों सेवाओं के सम्मिलित बैण्ड की भागीदारी से दोनों देशों के सैन्य बलों के संबंध तो बेहतर होंगे ही साथ ही यह भारतीय सेनाओं के बैण्ड की पेशेवर कुशलता का भी द्योतक है। तीनों सेनाओं के इस सम्मिलित बैण्ड में 07 अधिकारी और 55 पीबीओआर शामिल हैं।
      बैण्ड की नौसेना टुकड़ी के 01 अधिकारी और 09 संगीत नाविकों के दल का नेतृत्व पूर्वी नौसेना कमाण्ड के कमाण्ड म्यूजिशियन ऑफिसर कमाण्डर सतीश के चैंपियन कर रहे हैं। तीनों सेनाओं का यह सम्मिलित बैण्ड 23 अगस्त को नई दिल्ली से मॉस्को के लिये रवाना हुआ।

तस्‍करी की रोकथाम के लिए भारत और नेपाल के बीच समझौता

        प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नारकोटिक ड्रग्स एवं साइकोट्रोपिक पदार्थ और अग्रगामी रसायन एवं संबंधित मामलों में ड्रग की मांग घटाने एवं अवैध तस्‍करी की रोकथाम पर भारत और नेपाल के बीच समझौता को मंजूरी दी। 

     यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच ड्रग मामलों पर सहयोग के क्षेत्रों को सूचीबद्ध करता है। साथ ही यह दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक ढांचा और सक्षम अधिकारियों को भी इंगित करता है जो इस एमओयू के कार्यान्‍वयन एवं किसी भी सूचना के आदान-प्रदान के लिए जिम्‍मेदार होंगे। 
    ड्रग मामलों में सहयोग से दोनों देशों के बीच नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रोपिक पदार्थ और अग्रगामी रसायनों की अवैध तस्‍करी पर रोक लगने की उम्‍मीद है। इस एमओयू के तहत दोनों पक्षों को नि‍म्‍नलिखित प्रयास करने होंगे, नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रोपिक पदार्थ और उनके अग्रगामी रसायनों में अवैध तस्‍करी के मुद्दे को प्रभावी तरीके से निपटाने के मद्देनजर आपसी सहयोग विकसित करना और रोकथाम, जागरूकता, शिक्षा एवं समुदाय आधारित कार्यक्रमों, उपचार एवं पुनर्वास के माध्‍यम से ड्रग की मांग घटाने में सहयोग करना। 
      नशीली दवाओं के मामलों में परिचालन, तकनीकी एवं सामान्‍य प्रकृति की सूचनाओं का आदान-प्रदान करना। साथ ही, मौजूदा कानूनों, नियमों, प्रक्रियाओं, सर्वोत्तम प्रथाओं और नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रोपिक पदार्थ एवं उनके अग्रगामी रसायनों में अवैध तस्‍करी की रोकथाम के तरीकों एवं मौजूदा कानून में किसी भी संशोधन के दस्‍तावेजों का आदान-प्रदान करना।
      भारत ने मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए वैश्विक प्रयासों का हमेशा समर्थन किया है। वह इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के नेतृत्‍व में चलाए गए कई द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय अभियानों में एक पार्टी रहा है। नारकोटिक ड्रग्स पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलनों की भावना के अनुसार पड़ोसी देशों एवं हमारे देश में नशीली दवाओं की स्थिति पर प्रत्‍यक्ष प्रभाव डालने वाले देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते/एमओयू करने की कोशिश की गई है। 
      कई देशों के साथ इस प्रकार के द्विपक्षीय समझौतों/एमओयू को पहले से ही अंजाम दिया गया है। नेपाल के साथ प्रस्तावित समझौता इसी तरह का एक अन्‍य समझौता है जो नशीली दवाओं के मामलों में द्विपक्षीय सहयोग के उद्देश्‍य से किया गया है।

Wednesday 23 August 2017

भारत-नेपाल सीमा पर मेची नदी पर एक नये पुल के निर्माण के लिए समझौता

     प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल ने भारत-नेपाल सीमा पर मेची नदी पर एक नये पुल का निर्माण शुरू करने के लिए लागत में साझेदारी, कार्यक्रम और सुरक्षा संबंधी मुद्दे पर कार्यान्‍वयन की व्‍यवस्‍था करने को लेकर भारत और नेपाल के बीच एक समझौता पर हस्‍ताक्षर किए जाने को अपनी मंजूरी दे दी है।

     इस पुल के निर्माण की अनु‍मानित लागत 158.65 करोड़ रुपये है, जिसे एशियाई विकास बैंक से प्राप्‍त ऋण द्वारा भारत सरकार की ओर से उपलब्‍ध कराया जाएगा। यह नया पुल काकरविट्टा (नेपाल) से पानीटंकी बाईपास (भारत) तक राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या 327बी की 1500 मीटर लम्‍बाई के उन्‍नयन कार्य का हिस्‍सा है। जिसमें 825 मीटर लंबा छह लेन वाला सम्‍पर्क मार्ग शामिल है। मेची पुल भारत में एशियाई राजमार्ग 02 का अंतिम बिंदु है, जो नेपाल की ओर जाता है। नेपाल के साथ महत्‍वपूर्ण सम्‍पर्क कायम करता है।
      इस पुल के निर्माण से क्षेत्रीय सम्‍पर्क में सुधार होगा। दोनों देशों के बीच सीमा के आर-पार व्‍यापार में वृद्धि होगी। औद्योगिक, सामाजिक और सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान मजबूत होने से अच्‍छे संबंध कायम होंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन राष्‍ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) को इस परियोजना के लिए एक कार्यान्‍वयन एजेंसी के रूप में निर्धारित किया गया है। 
      इस परियोजना के लिए विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है। नेपाल सरकार के संपर्क से पुल के सामंजस्‍य को अंतिम रूप दिया गया है।

गृह मंत्री की किरगिज गणराज्य की यात्रा

     केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह 24-25 अगस्त, 2017 को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्यों राज्यों के सरकार के प्रमुखों की 9वीं बैठक में शामिल होने के लिए किरगीज जा रहे है।

      गृह मंत्री के साथ एक शिष्टमंडल भी जा रहा है। इस बैठक में आपात स्थितियों की रोकथाम और समाप्ति पर विचार किया जाएगा। भारतीय शिष्टमंडल में गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) तथा विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी हैं। भारत को एससीओ की पूर्ण सदस्यता इस वर्ष मिली और जून, 2017 में कजाखस्तान के अस्ताना में आयोजित शंघाई सहयोग संघठन की वार्षिक शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए थे। एससीओ सदस्य के रूप में भारत की भागीदारी से एससीओ के ढांचे में अंतर्गत आबादी और भू-भाग की सुरक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के विकास को गति देने का अवसर मिलेगा।
        इससे क्षेत्रीय और वैश्विक प्रारूप में गुणात्मक रूप से नई स्थिति बनेगी।शंघाई सहयोग संगठन के सरकारों के प्रमुखों की बैठक में आपात स्थितियों को समाप्त करने में सदस्यों देशों की सरकारों के बीच हुए समझौते को लागू करने के लिए 2018-19 की कार्य योजना के प्रारूप पर विचार किया जाएगा और इसको मंजूरी दी जाएगी। अपनी यात्रा के दौरान गृह मंत्री कुछ एससीओ सदस्यों देशों के मंत्रियों से द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

Thursday 17 August 2017

विश्‍व बैंक के साथ 24.64 मिलियन डालर का वैश्विक पर्यावरण सुगमता अनुदान समझौता

       भारत ने पारिस्थितिक तंत्र सेवा सुधार परियोजना के लिए विश्‍व बैंक के साथ 24.64 मिलियन अमेरिकी डालर का वैश्विक पर्यावरण सुगमता अनुदान समझौता किया है। 

     भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय की ओर से आर्थिक मामलों के विभाग के संयुक्‍त सचिव समीर कुमार खरे और विश्‍व बैंक के भारत में कार्यकारी कंट्री डायरेक्‍टर हिशम एबदो काहिन ने इस समझौता पर हस्‍ताक्षर किये। भारतीय वन अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) की ओर से अनुसंधान उप महानिदेशक डॉ. नीलू गेरा, मध्‍यप्रदेश सरकार की ओर से अपर प्रधान प्रमुख वन संरक्षक अमिताभ अग्निहोत्री, छत्‍तीसगढ़ सरकार की ओर से अपर प्रधान प्रमुख वन संरक्षक आर. बी. पी. सिन्‍हा ने विश्‍व बैंक के भारत में कार्यकारी कंट्री डायरेक्‍टर के साथ परियोजना समझौतों पर हस्‍ताक्षर किये।
     परियोजना 24.64 मिलियन अमेरिकी की डालर है। इसका वहन पूर्ण रूप से विश्‍व बैंक का वैश्विक पर्यावरण सुगमता (जीईएफ) ट्रस्‍ट फंड करेगा। परियोजना की अवधि 5 वर्ष है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारतीय वन अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) के माध्‍यम से हरित भारत के राष्‍ट्रीय मिशन के अंतर्गत मध्‍यप्रदेश और छत्‍तीसगढ़ में इस परियोजना का कार्यान्‍वयन करेगा।
       इस परियोजना का लक्ष्‍य वन विभागों और सामुदायिक संगठनों की संस्‍थागत क्षमता में मजबूती लाना, वन पारिस्थितिक तंत्र सेवाओं को समृद्ध करना और मध्‍य भारत के उच्‍च क्षेत्रों में वनों पर निर्भर समुदायों की आजीविका में सुधार करना है।

Wednesday 16 August 2017

भारत व स्वीडन के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों का समझौता

        केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारत व स्वीडन के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दीप्र् समझौता में एक ऐसी व्यापक और सुगम व्यवस्था कायम करने का प्रावधान है जिसके जरिए दोनों देश बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए उत्कृष्ट पद्धतियों और प्रौद्योगिकी का आदान प्रदान करेंगे और साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में मिलकर काम करेंगे। 

      समझौता ज्ञापन भारत को बौद्धिक संपदा प्रणालियों में अनुभव का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाएगा, जिससे दोनों देशों के उद्यमियों, निवेशकों और व्यापारियों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचेगा। दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट पद्धतियों के आदान प्रदान से भारत के विविध प्रकार के बौद्धिक अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी और उनका बेहतर संरक्षण किया जा सकेगा।
     ये अधिकार उतने ही विविध हैं जितनी विविधता भारत के लोगों में है। यह समझौता वैश्विक नवाचार के क्षेत्र में एक बड़ी शक्ति बनने की भारत की यात्रा में ऐतिहासिक सिद्ध होगा और राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति के लक्ष्यों को बढ़ावा देगा। समझौता के अंतर्गत एक संयुक्त समन्वय समिति बनाई जायेगी जो निम्नांकित क्षेत्रों में सहयोग गतिविधियों के बारे में निर्णय करेगी। दोनों देशों के लोगों, व्यापारियों और शैक्षिक संस्थानों के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में उत्कृष्ट पद्धतियों, अनुभवों और जानकारी का आदान प्रदान। 
      प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहयोग, विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, तकनीकी आदान-प्रदान और संपर्क गतिविधियाँ, संयुक्‍त रूप से या किसी एक राष्‍ट्र द्वारा आयोजित कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्‍यम से उद्योगों, विश्‍वविद्यालयों, अनुसंधान और विकास संगठनों तथा लघु और मध्‍यम उद्यमों के बीच बौद्धिक संपदा के बारे में उत्कृष्ट पद्धतियों, अनुभवों और जानकारी का आदान-प्रदान। 
   पेटेंटों, ट्रेडमार्कों, औद्योगिक डिजाइनों, कापीराइटों और भौगोलिक संकेतकों और साथ ही बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण, प्रवर्तन और इस्‍तेमाल संबंधी आवेदनों के निपटान के लिए उत्कृष्ट पद्धतियों, अनुभवों और जानकारी का आदान-प्रदान। बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में आटोमेशन और आधुनिकीकरण परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन, नव प्रलेखन और सूचना प्रणालियों और बौद्धिक संपदा के प्रबंधन की प्रक्रियाओं के विकास में सहयोग, यह समझने में सहयोग करना कि परम्‍परागत ज्ञान का संरक्षण कैसे किया जाये; और डेटा बेस संबंधी परम्‍परागत जानकारी सहित उत्‍कृष्‍ट पद्धतियों का आदान-प्रदान।
      वर्तमान बौद्धिक संपदा प्रणालियां के बारे में जागरूकता बढ़ाना, डिजिटल वातावरण, विशेषकर कॉपीराईट मुद्दों में बौद्धिक संपदा कानून के उल्लंघनों के बारे में जानकारी और उत्‍कृष्‍ट पद्धतियों का आदान-प्रदान, अन्‍य सहयोगात्‍मक गतिविधियां, जो दोनों पक्षों द्वारा आपसी समझ-बूझ से तय की जा सकती है।

Tuesday 8 August 2017

मैक्सिको के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्‍ट्रपति से मुलाकात की

        मैक्सिको कांग्रेस, चैंबर्स ऑफ डिप्टिज की अध्यक्षा सुश्री गौदालुपा मुरगुनिया गुतिर्रस के नेतृत्व में मैक्सिको से आये संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रेपति भवन में भारतीय राष्‍ट्रपति राम नाथ कोबिंद से मुलाकात की। 

       प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोबिंद ने कहा कि भारत और मैक्सिको महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक साझेदार हैं और गहरी लोकतांत्रिक परंपराओं को साझा करते हैं। उन्होंने मैक्सिको के संविधान अंगीकरण के 100 वर्ष पूरा होने पर प्रतिनिधिमंडल को बधाई दी। उन्होंने परमाणु आपूर्ति समूह में भारत की उम्मींदवारी का समर्थन करने के लिए मैक्सिको को धन्यवाद दिया।
        उन्होंने यह भी कहा कि सौर उर्जा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के आगे बढ़ने की गुंजाइश है। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्ष 2016 में संपन्न हुई सफल मैक्सिको यात्रा का भी उल्ले्ख किया। उन्होंने आगे यह भी कहा कि भारत मैक्सिको के राष्ट्रैपति महामहिम इनरिक्यूभ पेना नियटो की भारत यात्रा के लिए आशावान है। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को सफल यात्रा की शुभकामनायें दी।

भारत-ईरान की चाबहार बंदरगाह में परिचालन जल्‍द शुरू करने की प्रतिबद्धता

         केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं शिपिंग मंत्री नितिन जयराम गडकरी दो दिवसीय ईरान यात्रा से वापस लौट आये हैं। उन्‍होंने ईरान के राष्‍ट्रपति डॉ. हसन रोहानी के शपथ समारोह में भारत सरकार का प्रतिनिधित्‍व किया। यह उनका दूसरा कार्यकाल है। 

       डॉ. हसन रोहानी के साथ वार्तालाप में गडकरी ने उनको भारतीय प्रधानमंत्री का शुभकामना और बधाई संदेश दिया। गडकरी ने उनको सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनायें भी दी। उन्‍होंने ईरान के राष्‍ट्रपति को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बधाई पत्र भी सौंपा और ईरान के राष्‍ट्रपति को भारत यात्रा के लिए आमंत्रित किया। 
        गड़करी ने बाद में चाबहार बंदरगाह के विकास और चाबहार को जहेदन से रेल के जरिये जोड़ने की प्रस्‍तावित परियोजना में भारत के सहयोग समेत कई मुदृं पर चर्चा की। बैठक में दोनों पक्षों ने छबाहर बंदरगाह के विकास में हुई प्रगति समेत पिछले वर्ष भारतीय प्रधानमंत्री की ईरान यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्‍वयन की प्रगति पर सकारात्‍मक माना। दोनों पक्षों ने चाबहार बंदरगाह के परिचालन को जल्‍द से जल्‍द पूरा करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
        गडकरी ने उप राष्‍ट्रपति डॉ. ई. जहांगिरी से मुलाकात कर चाबहार बंदरगाह के विकास के समझौते की कार्यशीलता के मुद्दे का उल्‍लेख किया। उन्‍हें बताया कि इंडिया पोर्ट ग्‍लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) ने रेल माउंटिड गंट्री क्रेन (आरएमजीसी) जैसे महत्‍वपूर्ण उपकरणों का प्रबंध कर लिया है। रबर टायर मोबाइल क्रेन (आरटीएमसी) एमटी कंटेनर हैंडलर्स (एमटीसीएच), ट्रक, ट्रेक्‍टर ट्रेलर कंटेनर एवं संबंधित उपकरणों के आर्डर को अंतिम रूप देने के करीब है। 
       उन्‍होंने यह भी बताया कि भारत समझौते के समय से पहले अंतरिम अवधि के मध्‍य चाबहार बंदरगाह के परिचालन के लिए सहायता प्रदान करने के लिए भी तैयार है। उन्‍होंने ईरानी पक्ष से अनुरोध किया कि वे चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए जल्‍द से जल्‍द एक्सिम बैंक ऑफ इंडिया को ऋण का आवेदन कर दें ताकि दोनों देशों के मध्‍य हुए समझौते को सक्रिय किया जा सके। 
      ईरान ने भारत से 15 करोड़ डालर के ऋण उपलब्‍ध कराने का अनुरोध किया था। चाबहार बंदरगाह समझौते के सक्रियता के लिए इसकी शर्त रखी थी। एक्सिम बैंक ऑफ इंडिया को अभी भी इस ऋण के आवेदन का इंतजार है। इसके पश्‍चात गडकरी ने ईरान के सड़क और शहरी विकास मंत्री डॉ. अब्‍बास अखोंदी से मुलाकात की।उन्‍हें चाबहार बंदरगाह समझौते के अंतर्गत आने वाले दो टर्मिनल के लिए बहूउदद्देशीय और कंटेनर उपकरणों के प्रबंधन और उपलब्‍धता के बारे में नवीनतम जानकारी दी। 
       उन्‍होंने डॉ. अब्‍बास अखोंदी से चाबहार बंदरगाह के सहायक परिचालन के हित में ईरानी पक्ष को ऋण आवेदन जमा होने की शर्त को हटाने का भी अनुरोध किया, क्‍योंकि इसमें काफी समय लग रहा है। ईरानी पक्ष ने आश्‍वासन दिया कि एक्सिम बैंक ऑफ इंडिया को जल्‍द ही ऋण का आवेदन किया जाएगा।

Sunday 6 August 2017

भारत को चाबहार बन्दरगाह पर 2018 में परिचालन की उम्मीद

       सड़क परिवहन व राजमार्ग एवं नौवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि सरकार ईरान में चाबहार बन्दरगाह के विकास के लिए कृत संकल्प है। 

     आशा है कि 2018 में इस पर परिचालन आरम्भ हो जाएगा। नीतिन गडकरी तेहरान में राष्ट्रपति हसन रूहानी द्वारा दूसरी बार कार्यभार संभालने पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के तौर वहां गए है। ईरान दौरे की पूर्व संध्या पर मंत्री ने कहा कि भारत व ईरान के बीच प्रगाढ़ ऐतिहासिक संबंध है। नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि चाबहार बन्दरगाह पर निर्माण कार्य पहले से आरम्भ हो गया है।
      भारत सरकार ने बन्दरगाह के विकास के लिए छः बिलियन रूपये आबंटित किये हैं। इनमे से उपकरणों के लिए 380 करोड़ रुपये धनराशि की निविदा को पहले से अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कार्य को शीघ्रता से पूरा करने के लिए ईरान सरकार आवश्यक अनुमोदनों को स्वीकृति प्रदान कर देगी। 
     गडकरी ने कहा कि चाबहार बन्दरगाह दोनों राष्ट्रों के सम्बन्धों एवं इस क्षेत्र में व्यापार एवं कारोबार को बढ़ावा देगा। चाहबहार बन्दरगाह दक्षिण पूर्वी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रान्त में स्थित है। यह बन्दरगाह भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बहुत उपयोगी है।
       पिछले साल मई में भारत और ईरान के बीच हुए सम्झौते के अनुसार भारत चाहबहार बन्दरगाह के पहले चरण के लिए दो बर्थ शुरू और उपकरणों से लैस करेगा। 10 वर्ष की लीज पर 85.21 मिलियन (अमरिकी डॉलर) का पूञ्जी निवेश किया जाएगा और वार्षिक राजस्व 22.95 मिलियन होगा।

Friday 4 August 2017

जनरल बिपिन रावत ने कज़ाखस्तान के सेना प्रमुख से मुलाकात की

         जनरल बिपिन रावत छह दिवसीय कज़ाखस्तान और तुर्कमेनिस्तान के दौरे पर हैं। उन्होंने कज़ाखस्तान के थलसेना प्रमुख से मुलाकात कर दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाने संबंधी विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। 

      दोनों देश नवंबर 2017 में हिमाचल प्रदेश के बकलोह में संयुक्त सैन्य अभ्यास करने पर पारस्परिक रूप से सहमत हुए। जनरल रावत ने संयुक्त राष्ट्र शांति प्रक्रिया में कज़ाखस्तान की तैनाती को भारत की ओर समर्थन का वादा किया। 
      कज़ाखस्तान ने उग्रवाद विरोधी ऑपरेशन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, सेना शिक्षा और भारत में सैन्यकर्मियों के प्रशिक्षण के संबंध में सहायता की मांग की।
      भारतीय सेना प्रमुख ने उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने 36 एयर असॉल्ट ब्रिगेड दौरे के दौरान कज़ाख सेना के शानदार प्रदर्शन एवं पराक्रम की सराहना की। जनरल बिपिन रावत कल तुर्कमेनिस्तान के लिए रवाना होंगे।

Wednesday 2 August 2017

भारत-स्‍पेन में अक्षय ऊर्जा सहयोग

      प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत–स्‍पेन सहयोग पर भारत और स्‍पेन के बीच हुए सहमति पत्र (एमओयू) से अवगत कराया गया है।

    इस एमओयू पर स्‍पेन में 30 मई, 2017 को हस्‍ताक्षर किये गये थे। इस एमओयू से विशेषज्ञों के आदान-प्रदान और सूचनाओं की नेटवर्किंग के जरिए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढाने में मदद मिलेगी। दोनों पक्षों ने सहकारी संस्‍थागत रिश्‍ते का एक समुचित आधार स्‍थापित करने का लक्ष्‍य रखा है, ताकि आपसी लाभ वाली समानता एवं पारस्‍परिकता के आधार पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित मसलों पर तकनीकी द्विपक्षीय सहयोग को प्रोत्‍साहित किया जा सके। 
      इस एमओयू के तहत एक संयुक्‍त कार्यकारी समिति के गठन की परिकल्‍पना की गई है, जो सहयोग के क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा एवं निगरानी करने के साथ-साथ उन पर चर्चाएं भी करेगी।

ब्रिक्स देशों के व्यापार मंत्रियों की बैठक में ई-कामर्स सहयोग की पहल

       ब्रिक्स देशों के व्यापार मंत्रियों की सातवीं बैठक संघाई में 1-2 अगस्त को हुई। बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल शामिल हुआ।

      इसमें विश्व व्यापार संगठन में जनसंपर्क अधिकारी और राजदूत जे एस दीपक भी शामिल थे। बैठक की अध्यक्षता चीन के वाणिज्य मंत्री ज़ोंग शन ने की। दक्षिण अफ्रीका के व्यापार और उद्योग मंत्री रोब डेविस, ब्राजील के उद्योग मंत्रालय में वाणिज्य एवं सेवा सचिव मारसेलो माइया टवेयर्स डी अराउजो और रूस के आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम ओरेश्किन भी अपने-अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक में शरीक हुए। 
        ब्रिक्स देशों के व्यापार मंत्रियों ने 2 अगस्त पूर्वाह्न चीन के उप-प्रधान मंत्री वांग यंग से औपचारिक मुलाकात की। बैठक से हटकर 1 अगस्त पूर्वाह्न चीन के वाणिज्य मंत्री और भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के बीच द्वीपक्षीय बैठक हुई। 
       बैठक के बाद ब्रिक्स देशों में सेवाओं में व्यापार पर सहयोग की रूपरेखा, ब्रिक्स ई-कामर्स सहयोग पहल, ब्रिक्स आईपीआर सहयोग दिशा-निर्देश, ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने का प्रारूप, ब्रिक्स मॉडल ई-पोर्ट नेटवर्क के संदर्भ की शर्तें, ब्रिक्स निवेश सुविधा की रूपरेखा दस्तावेज स्वीकार किए गए।